गिरिडीह। अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूरों की वतन वापसी 4 नवम्बर से शुरू होगी । चार नवम्बर को 31 मजदूर, पांच नवम्बर को 10 और छह नवंबर को 8 मजदूरो की स्वदेश वापसी होगी । सभी श्रमिक ट्यूनीशिया से फ्लाइट पकड़ कर अपने स्वदेश मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल एयरपोर्ट पर उतरेंगे । फिर वहा से अपने अपने गृह प्रखंड वापस लौटेगे । इस संवंध में ट्यूनीशिया में फंसे मजदूरो ने लिखित सूची भेजकर एलएंडटी कंपनी और सरकार का आभार जताया है। और कहा कि अनजाने में एलएंडटी कंपनी पर आरोप लगाये थे इसके लिए हम सभी श्रमिक खेद जताते है।
यह भी पढ़े : झारखंड में ‘मोंथा’ का असर खत्म, अब बढ़ेगी ठंड
उल्लेखनीय है कि सभी मजदूर निजी प्रेम कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिये ट्यूनीशिया गए थे लेकिन विगत तीन-चार महीने से न तो वेतन दिया जा रहा था और ना ही किसी तरह की सुविधाएं । लाचार होकर मजदूरों ने 30 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी व्यथा बताते हुए सरकार से मदद की गुहार लगाई । जिसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर केन्द्र सरकार से इस दिशा में आग्रह किया था । तत्काल सरकार हरकत में आई और मजदूरों को स्वदेश वापस लाने की प्रक्रिया तेज हुई । मालूम हो कि ट्यूनीशिया में फंसे 48 श्रमिको में 19 मजदूर हजारीबाग के, 14 मजदूर गिरिडीह के और 15 मजदूर बोकारो जिले के रहने वाले हैं। सभी मजदूर जुलाई के महीने में ही काम करने के लिए ट्यूनीशिया गए थे । हालांकि इस संबंध में एलएंडटी कंपनी के कन्ट्री हेड नीरज सिंह के हवाले से कहा गया कि मजदूर एल एंड टी कंपनी से सीधे नहीं जुड़े थे । प्रेम कंस्ट्रक्शन कंपनी का जरिये एलएंडटी के अधीन जुड़े थे l मामले की जानकारी मिलने के बाद एलएंडटी कंपनी ने प्रेम कंस्ट्रक्शन कंपनी को इन मजदूरों के वेतन भुगतान का निर्देश दिया था। साथ ही सभी मजदूरों के वतन वापसी को लेकर फ्लाइट की टिकट बुक करा दी है ।


