पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पीएमसीएच) का विशेष महत्व रहा है। यहां इलाज के लिए दूसरे राज्य के लोग भी आते थे। 25 फरवरी, 1925 को पीएमसीएच की स्थापना की गई थी। देश में उस समय बहुत कम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि हम इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे, तब उस समय पीएमसीएच के छात्रों से जो हमारे मित्र हुआ करते थे, उनसे मुलाकात होती थी। वह मंगलवार को पीएमसीएच के बाबू सभागार में आयोजित शताब्दी समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमसीएच के प्रति हमारा विशेष लगाव है। जब सरकार में नवंबर, 2005 से यहां काम करने का मौका मिला तो हम लोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई काम किया। यहां छह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। अब 12 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हो गए हैं, जबकि 14 का निर्माण किया जा रहा है। आठ जगहों पर केन्द्र सरकार निर्माण करा रही है। हम लोगों ने सोच लिया है कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाएंगे। पीएमसीएच को 5,400 बेड का विश्वस्तरीय अस्पताल बनाया जा रहा है। इसके पहले फेज का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। दूसरे और तीसरे फेज का निर्माण चल रहा है।

उन्होंने कहा कि हम इसके निर्माण कार्य का हमेशा निरीक्षण करते रहते हैं। बाकी अन्य पांच मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को 2500 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। आईजीआईएमएस का विस्तारीकरण कर 3000 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबको मालूम है कि पहले बिहार की क्या स्थिति थी। जब हम लोग वर्ष 2005 में सरकार में आए तो यहां विकास के कई काम किए गए। पहले शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकल पाता था। भय का वातावरण था। अब लोग देर रात तक बाहर रहकर अपना काम करते हैं और निर्भीक होकर घूमते हैं। पहले सड़कों की स्थिति भी बहुत खराब थी, कहीं भी जाने के लिए अच्छी सड़कें नहीं थी। जब हम केंद्र में मंत्री एवं सांसद थे तो अपने क्षेत्र में उस समय पैदल ही घूमा करते थे। हमलोगों ने अच्छी सड़कें बनवाईं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकार में कोई काम नहीं होता था। पहले पढ़ाई की भी अच्छी व्यवस्था नहीं थी। हमलोगों ने लड़कियों की पढ़ाई के लिए बहुत काम किया। नये-नये स्कूल, कॉलेज खोले गए। पंचायत स्तर पर पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था की गई। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय सहित सरकारी नौकरियों में आरक्षण देकर महिलाओं को आगे बढ़ाया गया। बिहार के विकास में केंद्र का भी सहयोग मिल रहा है। बिहार बहुत आगे बढ़ेगा।

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