बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश पर महाशिवरात्रि के दिन बुधवार को कलबुर्गी जिले के लाडले मशक दरगाह स्थित राघव चैतन्य शिवलिंग की पूजा-अर्चा की गयी। कडगंची मठ के वीरभद्र शिवाचार्य स्वामी की अगुवाई में 10 श्रद्धालुओं ने शिवलिंग की विधिवत पूजा-अर्चना की। यह दरगाह जिले के अलंद तालुका मुख्यालय के बाहरी इलाके में है।

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एक दिन पहले ही हाई कोर्ट ने हिंदू संगठनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाशिवरात्रि के दिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक 15 श्रद्धालुओं को राघव चैतन्य शिवलिंग की पूजा की अनुमति दी थी। हाई कोर्ट ने यह आदेश कर्नाटक वक्फ ट्रिब्यूनल के पहले के निर्णय को बरकरार रखते हुए दिया, जिसमें स्थल पर धार्मिक अनुष्ठान की इजाजत दी गई थी।

ट्रिब्यूनल के निर्देशों के अनुसार मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक उर्स से संबंधित रस्में निभाने की अनुमति होगी। वहीं, हिंदू भक्तों को दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी गयी।

दरगाह के आसपास सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। पूजा करने से पहले सुरक्षा प्रोटोकॉल के रूप में श्रद्धालुओं के आधार कार्ड आदि की विधिवत जांच की गई। पूजा के बाद श्रद्धालुओं के जत्थे की अगुवाई करने वाले वीरभद्र शिवाचार्य ने बताया कि विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। उन्होंने इस सवाल को टाल दिया कि कोर्ट ने 15 श्रद्धालुओं को पूजा की इजाजत दी थी, लेकिन सिर्फ 10 श्रद्धालु ही यहां पूजा के लिए पहुंचे।

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