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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के सदन में कुंभ पर चर्चा कराए जाने की मांग प्रस्ताव पर बालते हुए कहा कि सनातन के आयोजन को भव्यता से करना क्या कोई अपराध है, अगर है तो इसको हमारी सरकार कर रही है, आगे भी करेगी। योगी ने कहा कि सदन को आश्वस्त करता हूं कि अगर प्रयागराज कुंभ का जो भी गुनहगार होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा, वह कोई भी हो, कितना भी बड़ा क्यों न हो।
मुख्यमंत्री ने कुछ पंक्तियां पढ़कर विपक्ष पर हमला बोला-बड़ा हसीन है, इनकी जबां का जादू..लगा के आग, बहारों की बात करते हैं,जिन्होंने रात में चुन चुन कर बस्तियों को लूटा, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं…
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नेता सदन ने कहा कि जिस समय यह चर्चा चल रही है, उस समय संगम में 56 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। जब आस्था के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करते हैं तो यह 56 करोड़ की आस्था के खिलाफ है। यह किसी सरकार का आयोजन नहीं है, सरकार पीछे से सहयोग कर रही है। हमारी सनातन के प्रति श्रद्धा का भाव है। अफवाहों को दरकिनार करते हुए आम जनमानस ने सफलता की ऊंचाई पर पहुंचाया है। बुधवार को दोपहर तक 56 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। हमारी सम्वेदनाएँ उन सभी श्रद्धालुओं के साथ है जो 29 तारीख की भगदड़ में शिकार हुए या अन्य सड़क दुर्घटनाओं में हताहत हुए। सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने झूठी अफवाहें फैलाने के लिए विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि काहिरा का वीडियो महाकुंभ के साथ जोड़ा गया। नेपाल झारखंड की अन्य घटनाओं के वीडियो महाकुम्भ का बताया गया।
योगी ने कहा कि ये लोग महाकुम्भ का विरोध पहले दिन से कर रहे थे। पिछले सत्र में हम चर्चा करवाने को तैयार थे, लेकिन इन्होंने चर्चा में भाग नहीं लिया, भाग खड़े हुए। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहले बयान दिया कि इतना पैसा औऱ इतना विस्तार देने की क्या जरूरत है ? सपा के सोशल मीडिया हैंडल देखें तो वहां की भाषा उनके संस्कारों को प्रदर्शित करता है। यह भाषा किसी सभ्य समाज की नहीं हो सकती। ये लोग अकबर का किला जानते थे, लेकिन अक्षयवट और सरस्वती कूप नहीं जानते थे। इनका बयान है जो सरकार स्नान के आंकड़े बता रही है, मरने वालों का आंकड़ा भी बता दें ?
मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके सहयोगी लालू प्रसाद यादव को महाकुंभ फालतू दिखाई देता है। इनकी एक सहयोगी आकर कहती हैं कि महाकुंभ मृत्यु कुम्भ है। इनकी एक नेत्री जया बच्चन का बयान कि शवों को गंगा में बहा दिया गया। इससे पानी प्रदूषित हो गया है। ये बयान सपा के सहयोगी आरजेडी टीएमसी और अन्य लोगो के हैं। मुख्यमंत्री ने सवाल के लहजे में कहा कि सनातन के आयोजन को भव्यता से करना क्या कोई अपराध है, अगर है तो इसको हमारी सरकार कर रही है, आगे भी करेगी।
उन्होंने कहा कि आपका दुष्प्रचार हमको बुरा नहीं लगता, क्योंकि हमको पता है कि आपकी सोच है, संक्रमित व्यक्ति का कोई उपचार नहीं होता, वो अपने आप ही कुढ़ता रहेगा। महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। उपहास से, विरोध से और अंततः स्वीकृति से। स्वीकृति का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष जो विरोध कर रहे थे, जाकर चुपके से स्नान कर आये।
योगी ने कहा कि विरोध के नाम पर ये लोग कोविड वैक्सीन को बीजेपी की वैक्सीन कहते थे, राम मंदिर का विरोध किया। सनातन धर्म के आयोजन में कोई भूखा नही रहा। महाकुंभ में जो आया वो भूखा नहीं गया। प्रयागराज, काशी, अयोध्या ने अतिथि देवो भवः का प्रमाण प्रस्तुत किया। जो लोग इस पर दुष्प्रचार कर रहे हैं, उसे जनता देख रही है। जनता जनार्दन तमाम दुष्प्रचार के बाद मान नहीं रही है। आप दूसरों को उपदेश दे रहे हैं। शिवपाल यादव की ओर देखते हुए योगी ने कहा कि खुद (अखिलेश) चुपके से स्नान करके चले आ रहे हैं। भतीजे तो चले गए, चाचू को छोड़ गए। इसी प्रकार से सीएम योगी ने कुंभ पर विपक्ष के एक-एक आरोपों
उत्तर प्रदेश विधान सभा में बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को शून्य प्रहर के दौरान मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की ओर से नियम-56 के तहत कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाकर कुंभ की व्यवस्थाओं पर चर्चा कराए जाने की मांग की गयी। सपा के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और संग्राम यादव ने कहा कि कंभ में अधिकारियों ने लापरवाही की है। कुंभ में सरकार को मृतकों के सही आंकड़े जारी करना चाहिए। उन्होंने कुंभ में घोर अव्यवस्था का आरोप लगाया। कांग्रेस की नेता विधान मण्डल दल आराधना मिश्रा मोना ने भी लापरवाही का आरोप लगाया और इस पर चर्चा कराए जाने की मांग की।