तुलसी पूजा को लेकर जानें क्या बोले डॉ. सुमन

रांची : हिंदू जागरण मंच झारखंड प्रदेश के तत्वाधान में सोमवार को तुलसी पूजा सह स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से आरएसएस के प्रांत सह कार्यवाह धनंजय का ओजस्वी उद्बोधन कार्यकर्ता निर्माण लेकर सुनने को मिला। मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व हिंदू जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री, झारखंड-बिहार डॉ. सुमन कुमार ने कहा कि हम हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाते है। यूं तो सुबह-शाम सभी सनातनी घरों में तुलसी आराध्य के रूप में पूजी जाती है। इसलिए इसदिन विशेष रूप से मां तुलसी की पूजा करें। उन्होंने कहा कि हम किसी दूसरे धर्म के विषय में टीका-टिप्पणी नहीं करना चाहते, ना ही हम क्रिसमस का विरोध करते हैं लेकिन इस तथ्य से भी सनातन समाज को जागरूक करना चाहते हैं कि ना ही हम ईसाई, ना ही हमारे पूर्वज ईसाई फिर किस लिये क्रिसमस की बधाई? सनातनी समाज आखिर किस लिये क्रिसमस मनाये? उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हमारे बच्चो को भला क्यों सांता क्लॉज बनाके जोकर की तरह पेश किया जाता है? क्या कभी कोई ईसाई कभी कृष्ण जन्मष्टमी में रूप सज्जा में भाग लिया है? ईसाई समाज लोभ प्रलोभन देकर हमारे जनजातीय समाज को खंडित करने का खुला षड्यंत्र कर रहा है। ऐसे में हमलोग क्यों क्रिसमस की बधाईया दें? उन्होंने सनातन समाज से कहा कि समाज व राष्ट्र को विखंडित करनेवाले ईसाई समाज से सजग व सतर्क रहने की जरुरत है।

उन्होंने तुलसी के महत्व को बताते हुए कहा कि 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए रविवार को छोड़कर अन्य सभी दिनों में तुलसी के पौधे को जल का अर्घ्य देना चाहिए। वहीं, रोजाना संध्याकाल में घी के दीये जलाकर आरती करनी चाहिए। रोजाना तुलसी मां की पूजा उपासना करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। जबकि, तुलसी पूजन दिवस पर तुलसी मां की पूजा उपासना करने से साधक के सभी मनोरथ सिद्ध होती है।
उन्होंने हिंदू धर्म में तुलसी के महत्व को बताते हुए कहा कि शास्त्रों में तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का रूप माना गया है। जिन घरों में तुलसी का पौधा लगा होता है और नियमित रूप से इनकी पूजा होती है, वहां पर हमेशा सुख-समृद्धि का वास रहता है। वास्तु शास्त्र में भी तुलसी के पौधे का विशेष महत्व होता है। तुलसी के पौधे में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की क्षमता होती है। नियमित रूप से तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की अपार कृपा मिलती है। भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत ही प्रिय होती है, इसलिए तुलसी का एक नाम हरिप्रिया भी है।

कार्यकर्ता का महत्व : उन्होंने कहा कि संगठन के लिए कार्यकर्ता नींव की तरह होते हैं। पुरानी नींव नया निर्माण होना चाहिए। एक कार्यकर्ता को कभी भी अहंकार नहीं पालना चाहिए। कोई भी दायित्व छोटा या बड़ा नहीं होता बल्कि कार्य के प्रति पूर्ण समर्पण होना पहली शर्त है। कार्यकर्ता को अपने संगठन के प्रति त्याग की भावना होनी चाहिए। संगठन जो भी जिम्मेदारी दी जाती है उसे पूर्ण मनोयोग से निभाना चाहिए। कार्य करते हुए कभी भी ‘मैं’ का बोध नहीं होना चाहिए बल्कि ‘हम’ को चरितार्थ करना चाहिए।

डॉ. सुमन ने कहा कि भारत के जनमानस में, यहां के माटी व परीपाटी में भगवान राम रचे-बसे हैं। अयोध्या में राममंदिर का निर्माण राष्ट्र के अस्मिता का प्रतिक है। सैकड़ो वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। हिंदू जागरण मंच के प्रदेश संयोजक ऋषिनाथ शाहदेव ने कार्यकर्ताओं में उत्साहवर्धन किया। वहीं, मंच के प्रदेश सहसंयोजक विक्रम शर्मा ने लोगो को तुलसी पूजन को लेकर घर-घर जागरूक करने को कहा। प्रदेश सह संयोजक रत्नेश ने भी कार्यकर्ताओं का उद्बोधन किया। मंच संचालन प्रांत कार्यकरिणी सदस्य मनोज सिंह ने किया। मौके पर प्रांत कार्यकरिणी सदस्य सुजीत सिंह, धर्मेंद्र कुमार, मनोज सिंह, धनंजय कुमार, संजय वर्मा, माया सिंह बघेल सहित महानगर कार्यकर्ताओं में आशुतोष पांडेय, निशांत चौहान, शुभम वर्मा, कौशल, विवेक भारती, नेहा शर्मा, ब्रजेश शर्मा, दिलीप राय, मनीष पांडेय, निशांत श्रीवास्तव, कुंदन, सचिन, विक्रांत सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे। सभी ने आरती कर तुलसी पूजन दिवस को सपन्न किया।

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