भाजपा ने केजरीवाल सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर उठाये सवाल

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के घोषणापत्र में दिल्ली में 500 नए स्कूलों का वादा किया गया था। नए स्कूल तो नहीं बने किंतु, अब कहा जाता है कि जो स्कूल हैं उनमें अतिरिक्त कमरे बनवाएंगे।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया और दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

सत्येंद्र जैन को कट्टर ईमानदार का सर्टिफिकेट केजरीवाल ने दिया था वह तीन महीने से जेल में है : गौरव भाटिया

गौरव भाटिया ने कहा कि भाजपा बड़ी प्रमुखता से अरविंद केजरीवाल की ‘पाप’ सरकार का आबकारी घोटाला सामने रखते आई है। इससे पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जिनको कट्टर ईमानदार का सर्टिफिकेट केजरीवाल ने दिया था, वो तीन महीने से जेल में हैं, अभी तक मंत्री पद से हटाए नहीं गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर जब भाजपा बार-बार सवाल पूछती आई है तो केजरीवाल कहते थे कि विश्व के सबसे बढ़िया शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स में उनका नाम आता है इसलिए राजनीतिक द्वेष से प्रताड़ित किया जाता है।

दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था का सच

गौरव भाटिया ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण पर सीवीसी जांच रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था का सच ये है कि ढाई साल पहले केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने दिल्ली विजिलेंस के सचिव को शिक्षा में घोटाले का खुलासा करने वाली रिपोर्ट भेजी थी। अरविंद केजरीवाल ने इस घोटाले का संज्ञान क्यों नहीं लिया? ढाई साल में क्यों नहीं कार्रवाई हुई? उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अब कह रही है कि जो स्कूल हैं उनमें अब अतिरिक्त कमरे बनवाएंगे, नए स्कूल नहीं खुलवाएंगे।

भाजपा नेता ने कहा कि स्कूलों में 2,400 कमरों की जरूरत थी, लेकिन इसको बढ़ाकर 7,180 किया गया। एक अनुमान के मुताबिक, लागत में 326 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। यह निविदा राशि का 53 प्रतिशत से अधिक था। लागत में वृद्धि के कारण 6133 कक्षाओं का निर्माण किया जाना था। हालांकि, केवल 4027 कक्षाओं का निर्माण किया गया था। दिल्ली सरकार ने 29 वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाने के लिए अनुदान लिया। निरीक्षण के दौरान सीवीसी रिपोर्ट के अनुसार केवल दो सिस्टम पाए गए।

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