शताब्दी वर्ष: संघ कार्य एक लाख स्थानों तक पहुंचाने का लक्ष्यः मनमोहन वैद्य

पानीपत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक रविवार को हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र पट्टीकल्याणा में शुरू हो गई। बैठक में संघ और उससे जुड़े 34 संगठनों के 1,474 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

उद्घाटन के बाद बैठक परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि 2025 में संघ अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। वर्तमान में संघ 71,355 स्थानों पर प्रत्यक्ष तौर पर कार्य कर समाज परिर्वतन के महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भूमिका निभा रहा है। शताब्दी वर्ष में संघ का कार्य देशभर में एक लाख स्थानों पर पहुंचाने का लक्ष्य है। पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर भी मौजूद रहे।

डॉ. वैद्य ने बताया कि देशभर में 42,613 स्थानों पर 68,651 दैनंदिनी शाखाएं चल रही हैं। पिछले साल तक 36,903 स्थानों पर 60,117 शाखाएं लग रही थीं। साप्ताहिक मिलन मंडली की संख्या 20,826 से बढ़कर 26,877 हुई। संघ मंडली 7,980 से बढ़कर 10,412 हो गई है। संघ दृष्टि से देशभर में 911 जिले हैं, जिनमें से 901 जिलों में संघ का प्रत्यक्ष कार्य चलता है। 6,663 खंडों में से 88 प्रतिशत खंडों में, 59,326 मंडलों में से 26,498 मंडलों में संघ की प्रत्यक्ष शाखाएं लगती हैं।

शताब्दी वर्ष में संघ कार्य को बढ़ाने के लिए प्रचारकों एवं विस्तारकों के अतिरिक्त 1300 कार्यकर्ता दो वर्ष के लिए शताब्दी विस्तारक निकले हैं। डॉ. वैद्य ने कहा कि संघ की शाखा से व्यक्ति निर्माण होता है, जो आगे चलकर समाज में राष्ट्रीय विचारों का जागरण एवं समाज को साथ लेकर समाज परिवर्तन में अपनी भूमिका निभाता है।

उन्होंने बताया कि लोग डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से संघ के साथ जुड़ने के लिए निवेदन कर रहे हैं। वर्ष 2017 से 2022 तक ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से संघ के पास सात लाख 25 हजार आवेदन आए। इसमें से अधिकांश 20 से 35 आयु वर्ग के युवक हैं जो संघ से जुड़ना चाहते हैं। दैनिक शाखाओं में भी युवाओं की रुचि बढ़ रही है।

संघ की 60 प्रतिशत शाखाएं विद्यार्थी शाखाएं हैं। पिछले एक वर्ष में 1,21,137 युवाओं ने संघ का प्राथमिक शिक्षण प्राप्त किया है। डॉ.वैद्य ने बताया कि यह वर्ष भगवान महावीर के निर्वाण का 2550वां महोत्सव वर्ष है।

आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्मशताब्दी वर्ष और शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन तीनों महापुरुषों के संदर्भ में प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। देश की स्वतंत्रता के अमृतकाल के मद्देनजर भी प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

 

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