मुख्यमंत्री धामी नई दिल्ली में 14 को इनवेस्टर्स समिट-2023 का कर्टेन रेजर करेंगे जारी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को नई दिल्ली में डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 का कर्टेन रेजर जारी करेंगे। इनवेस्टर्स समिट का आयोजन माह दिसम्बर में किया जा रहा है। प्रदेश सरकार अगले 5 वर्षों में राज्य की जीएसडीपी दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को देहरादून से दिल्ली पहुंच गए हैं। प्रदेश में 08 और 09 दिसंबर को निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेटर्स समिट आयोजित की जा रही है। धामी सरकार 2.50 लाख करोड़ का निवेश उत्तराखंड में लाने का लक्ष्य रखी है। इसी के तहत मुख्यमंत्री धामी गुरुवार (14 सितंबर) को सुबह 11 बजे मान सिंह रोड स्थित होटल ताजमहल नई दिल्ली में उत्तराखण्ड-ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 का कर्टेन रेजर जारी करेंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक सौन्दर्यता के साथ-साथ विविध संसाधनों से परिपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था को 5 लाख ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्ति रखा गया है। उत्तराखंड को सबसे बढ़ती अर्थव्यवस्था को तेजी से विकसित करने के लिए काम किया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से बेहतर योजना संरचना, प्रभावी नीति निर्धारण नवाचारों का प्रोत्साहन और अर्न्तविभागीय समन्वय और विकास कार्यों के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के लिए नीति आयोग की तरह सेतु का गठन किया है।

राज्य में उद्योगों के अनुकूल नीतियों में सुधार:

राज्य के सभी स्टेकहोल्डरों एवं राज्य के प्रमुख उद्योग समूहों के साथ आयोजित बैठक के दौरान देश के प्रमुख सैक्टरर्स के उद्योग समूहों के साथ चर्चा कर इस आयोजन में सहभागी बनने का अनुरोध किया गया है। राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिये अब तक लगभग 1250 ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया है, जो वर्तमान में अनुपयोगी हैं और इनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिंपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है।

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पीस आफ डूईंग बिजनेस और पीस टू प्रॉस्पेरिटी के साथ बनाया गया है सुगम व्यावसायिक वातावरण:

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ के साथ-साथ ‘पीस आफ डूईंग बिजनेस’ भी है। उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असन्तोष की घटनाएं न के बराबर हैं। श्रमिक असन्तोष के कारण उद्योगों में मानव श्रम का हास देश में सर्वाधिक कम है। इसी कारण राज्य सरकार द्वारा इस हेतु अपनी टैग लाईन ‘पीस टू प्रॉस्पेरिटी’ बनाई है। उन्होंने कहा कि हमारा यही विजन रहा है कि राज्य में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार किया जाय। इस कड़ी में हमने राज्य में निवेशक हितैषी नीतियों का निर्माण करते हुए विगत 4 माह में 27 नीतियां प्रख्यापित की हैं। पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई गीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023 लॉजिस्टिक्स नीति-2023 निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु नीति-2023 प्रमुख हैं।

औद्योगिक वातावरण के लिए 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक:

राज्य के लिये पृथक सेवा क्षेत्र के लिए नीति, जिसमें हॉस्पिटल्स प्राईमरी, स्केण्डरी एजुकेशन और विश्वविद्यालय शामिल हैं, पर स्वीकृति दी गईं है। राज्य में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु उपलब्ध है। राज्य में रेल रोड एवं एयर कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है देहरादून एयरपोर्ट से विभिन्न शहरों के लिए सीधी वायु सेवा उपलब्ध हो गई है। देहरादून एवं पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है।

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हमारे उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर:

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी सम्भव है, जब उद्योग संघों से निरन्तर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाय। उत्तराखण्ड सरकार ने लॉजिस्टिक्स को मजबूत करने और इस तरह राज्य में सुगम व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की हैं। राज्य ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में आईसीटी व एलसीएस की स्थापना की है। राज्य अपने नोडल विभाग सिडकुल के माध्यम से अत्याधुनिक औद्योगिक आस्थानों/क्षेत्रों की भी स्थापना कर रहा है। काशीपुर में अरोमा पर्क सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।

उत्पादों को हासिल हुई जीआई टैग:

उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 09 उत्पादों में जीआई टैग हासिल किये हैं। इन जीआई टैगों में कुमांऊ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, एपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा, तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा नेटल (बिच्छू घास). पिछौड़ा, आर्टिस्टिक कैण्डल मुखौटा एवं मन्दिर प्रतिकृत आदि कुछ अन्य उत्पादों में जीआई टैग के लिये आवेदन किया गया है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में ( 8वें स्थान पर) शामिल है। जबकि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की लीड्स रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है।

उद्यमियों के हित में बनाया गया ऑनलाईन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल:

राज्य में निवेश प्रोत्साहन व संवर्द्धन के लिए उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित इंवेर फैसिलिटेशन सेल की स्थापना की है, जो निवेशकों/व्यवसायियों के लिये ‘वन स्टॉप शॉप’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट उपलबध करा रहा है। 05 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिए एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिए अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाइन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल http://investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है।

राज्य के आर्थिक विकास में उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 एक मील का पत्थर साबित होगा और राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और पलायन रोकने की दिशा में स्वर्णिम मार्ग प्रशस्त करेगा।

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