जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत पर कांग्रेस पार्टी और नेशनल कॉफ्रेंस के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस को घेरा। उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर को फिर से अशांति और अराजकता की ओर धकेलकर दलितों के आरक्षण को छीनना चाहती है। जिस जम्मू कश्मीर की शांति के लिए राजस्थान के युवाओं ने बलिदान दिया, उस राजस्थान के लोगों के मन में आज कांग्रेस के प्रति गहरी नाराजगी है।
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CM ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 (ए) को हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां अमन, समृद्धि और सुरक्षा की नई इबारत लिखी है, जिसे कांग्रेस पाक पोषित परिवारवादी पार्टी से गठजोड़ कर देश के मणि मुकुट को फिर से अशांत करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि परिवारवादी पार्टियों ने वहां के युवाओं को गुमराह कर उनके हाथ में एके-47 थमाने का काम किया, उन पार्टियों का कांग्रेस समर्थन कर रही हैै। इससे कांग्रेस पार्टी के देश विरोधी मंसूबे बेनकाब हुए है। इस दौरान मंच पर जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सरदार अजयपाल सिंह, भाजपा प्रदेश मंत्री पिंकेश पोरवाल, भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ और भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने नेशनल कांफ्रेंस के घोषणा पत्र के वादों पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर 10 सवाल किए। इनमें क्या कांग्रेस ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी धारा 370 और आर्टिकल 35 ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के निर्णय का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी, पाकिस्तान के साथ ‘एलओसी ट्रेड’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं? क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है? जैसे सवाल शामिल है।
उन्हाेंने कांग्रेस से पूछा कि इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के वादे के साथ है? क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य पर्वत’ ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाने जाएं? क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की ‘नेशनल कांफ्रेंस’ की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं?
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