डॉ. श्रीभगवान सिंह को मिलेगा दिनकर राष्ट्रीय सम्मान, जनपदीय सम्मान मिलेगा कला कौशल को

Begusarai: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर इस वर्ष सीवान निवासी प्रख्यात साहित्यकार डॉ. श्रीभगवान सिंह को ”दिनकर राष्ट्रीय सम्मान” एवं बेगूसराय के राजवाड़ा निवासी कला कौशल को ”दिनकर जनपदीय सम्मान” दिया जाएगा। दिनकर जयंती समारोह समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दोनों विभूति को सम्मानित किया जाएगा।

समिति के संयोजक नरेन्द्र कुमार सिंह ने आज इसकी जानकारी देते हुए बताया कि समाहरणालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में डीएम रोशन कुशवाहा द्वारा दोनों विभूति को सम्मानित किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष प्रो. अमरेश शांडिल्य की अध्यक्षता में आयोजित सम्मान समारोह के बाद व्याख्यान आयोजित किया जाएगा। जिसके मुख्य वक्ता ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य डॉ. जय शंकर झा एवं डॉ. श्रीभगवान सिंह होंगे।शाम में दिनकर भवन में राष्ट्रकवि की अनमोल कृति रश्मिरथी का नाट्य मंचन एवं कवियों द्वारा कविता पाठ किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि दिनकर राष्ट्रीय सम्मान के लिए चयनित डॉ. श्रीभगवान सिंह का जन्म एक जनवरी 1954 को सीवान जिला के निखतीकला में हुआ था। जेएनयू दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त डॉ. सिंह ने जनवरी 1984 से दिसम्बर 2018 तक तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में अध्यापन करते हुए प्रोफेसर के रूप में 31 दिसम्बर 2018 को सेवानिवृत्त हुए।

उनकी कई आलोचनात्मक एवं शोधपरक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। जिसमें कुछ प्रमुख है आधुनिकता और तुलसीदास, आलोचना के मुक्त वातायन, गांधी और दलित भारत जागरण, गांधी और हमारा समय, गांधी एक खोज-भारतीय ज्ञानपीठ, गांधी का साहित्य और भाषा-चिंतन, पाठ-पुनर्पाठ, आलोचना के देसी ठाट, तुलसी और गांधी, समय-संवाद, बदलाव के बरक्स, गांधी और अम्बेडकर, गांधी और हिन्दी साहित्य, गांधी के आश्रम संदेश हैं, तथा साहित्य की भारतीय परम्परा।

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उन्होंने संस्मरण गांव मेरा देस तथा नाटक शकुन्तला का विद्रोह, यमराज की अदालत, सुकरात मरता नहीं एवं बिन पानी सब सून लिखा। इसके अलावा भाषा : विविध संदर्भ गांधी और प्रेमचन्द का संपादन किया। प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना पुरस्कार, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय का शिक्षा पुरस्कार, गांधी दर्शन पुरस्कार, श्री वीरेन्द्र तिवारी रचनात्मक सम्मान, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान मिला। सूरीनाम में आयोजित सातवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में सरकार के शिष्टमंडल सदस्य के रूप में शामिल डॉ. श्रीभगवान सिंह को 2014 में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार तथा साहित्य अकादमी द्वारा दक्षिण अफ्रीका भेजा गया।

दिनकर जनपदीय सम्मान के लिए चयनित कला कौशल का जन्म 25 नवम्बर 1967 को बरौनी – राजवाड़ा में हुआ। उन्होंने 1994 में भारतीय पत्रकारिता संस्थान बरेली पत्रकारिता की डिग्री ली और लेखन विद्या में तन मन से समाहित हो गए। 1857 के षड्नायक पर आधारित छह कहानियों का संग्रह, तमन्ना थी कि आजाद वतन हो जाए, वर्ण बदलता है लिखा तथा अंकुर कविता-संग्रह का संपादन किया।

नरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाएं पश्यन्ती, आजकल, अनभै सांचा, इंद्रप्रस्थ भारती, नया पथ, उद्भावना, युद्धरत आम आदमी, साहित्य अमृत, वसुधा, जनपथ, राजभाषा, दो आबा, परिकथा, छपते-छपते, हिन्दुस्तान, राष्ट्रीय सहारा, नवभारत टाईम्स आदि के साथ स्थानीय पत्र-पत्रिकाओं में भी कला कौशल की अनेक कहानी, आलेख, कविताएं प्रकाशित हो चुकी है।

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