मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर

मेरठ। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। जिले में पंजीकृत निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम और अन्य संस्थानों से मातृ व शिशु स्वास्थ्य देखभाल, नियमित टीकाकरण, परिवार कल्याण की सेवाओं की रिपोर्ट समय पर ली जाएगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई इंडिया के सहयोग से एक बैठक हुई। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम व अन्य संस्थानों के प्रतिनिधियों से प्रत्येक माह की 25 तारीख तक प्रसव संबंधी सेवाओं, परिवार कल्याण कार्यक्रम, बच्चों के नियमित टीकाकरण, मातृ एवं शिशु जन्म और मृत्यु रिपोर्ट आदि की सूचना भेजें।यह रिपोर्ट संकलित कर भारत सरकार के पोर्टल हेल्थ मैनेजमेंट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) और रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ (आरसीएच) पर अपलोड की जाती है। इससे जनपदों की रैंकिंग निर्धारित होती है। वर्तमान में जनपद के करीब 180 निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम व अन्य संस्थान पंजीकृत है, लेकिन इनमें से केवल 25 अस्पतालों की रिपोर्ट ही मिल रही है। सभी अस्पतालों को इसकी रिपोर्ट भेजनी होगी। समय पर रिपोर्ट मिलने पर मेरठ जनपद की रैंकिंग बढ़ेगी।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ. विश्वास चौधरी ने कहा कि सरकारी और निजी चिकित्सालयों को सहयोग प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग हमेशा तत्पर है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनयूएचएम डॉ. जावेद हुसैन ने निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम से इस मामले में सहयोग मांगा। यदि डाटा फीडिंग में किसी प्रकार की दिक्कत आ रही हो तो डाटा मैनेजर सहित प्रत्येक कार्यक्रम के नोडल अधिकारी से लगातार संपर्क कर सकते हैं।

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