विश्व प्रसिद्ध गया पितृपक्ष मेले के मद्देनजर श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर व्यापक एवं बेहतर तैयारी रखें : मुख्यमंत्री

Patna। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया के विष्णुपद मंदिर में शनिवार को पूजा-अर्चना कर राज्य की समृद्धि की कामना की। इसके बाद सीएम ने पितृपक्ष मेले की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक में कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर व्यापक एवं बेहतर तैयारी रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पितृपक्ष मेले में देश के कोने-कोने एवं विदेशों से तीर्थयात्री बड़ी संख्या में श्रद्धाभाव से अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने गया की मोक्षभूमि आते हैं। पितृपक्ष मेले की महत्ता को देखते हुए अधिकारीगण विशेष ध्यान रखें। मैं इस बात को नहीं भूल सकता हूं कि एक बार मुझे एक महिला श्रद्धालु ने बताया था कि यहां पिंडदानियों को काफी दिक्कत होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमें काम करने का मौका मिला, हमने पिंडदानियों की सुविधाओं को लेकर कई काम किए। हर वर्ष पितृपक्ष मेले की तैयारियों का जायजा लेने आते हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर प्रकार की सुविधाएं सुनिश्चित की जाती हैं।

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समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पितृपक्ष मेले में बड़ी संख्या में लोग श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं। यह राजकीय मेला है, ऐसे में साफ सफाई एवं स्वच्छता का पूरा प्रबंध रखें। घाटों, तालाबों एवं रास्तों की नियमित रूप से सफाई होनी चाहिए। तालाबों की स्वच्छता का विशेष रुप से ख्याल रखें क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु तालाबों में स्नान करते हैं इसलिए पानी की स्वच्छता के साथ-साथ उसकी निकासी भी आवश्यक है।

समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डॉ त्याग राजन एसएम ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पितृपक्ष मेला-2024 की तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी दी। पितृपक्ष मेले की बेहतर व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद भी दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन 17 सितंबर, 2024 से 02 अक्टूबर, 2024 तक निर्धारित है। सभी महत्वपूर्ण वेदियों एवं घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए अच्छी और सभी प्रकार की व्यवस्था की गयी है। कार्य समितियों का गठन कर पदाधिकारियों को बेहतर व्यवस्था के संचालन की जिम्मेवारी दी गयी है।

जिलाधिकारी ने पितृपक्ष मेले के दौरान आवासन, साफ-सफाई, जलापूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य, विद्युत व्यवस्था, वृद्ध एवं दिव्यांगजन के लिए आवागमन की व्यवस्था, यातायात सुविधा एवं विधि-व्यवस्था को लेकर की जा रही तैयारियों के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पितृपक्ष मेले के संबंध में सभी तरह की सूचना उपलब्ध हो सके, इसके लिए पिंडदान गया मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। कॉल सेंटर के माध्यम से भी श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की जानकारी मिलेगी।

समीक्षा बैठक के दौरान पंडा समाज के प्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री द्वारा गयाजी के विकास के लिए किए गए कार्यों के लिए धन्यवाद दिया और उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गया में गंगाजल को पहुंचाकर अद्भुत कार्य किया है।

इसके पहले मुख्यमंत्री ने फल्गू नदी के किनारे आयोजित कार्यक्रम स्थल से विष्णुपद मंदिर तक वैकल्पिक पहुंच पथ तथा एकीकृत जलनिकासी कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया और नवनिर्मित पथ का निरीक्षण किया।

यह नवनिर्मित पथ मानपुर पुल से सीधे विष्णुपद मंदिर को जोड़ता है। साथ ही यह पथ विष्णुपद मंदिर को सीधे एनएच-82 से जोड़ेगा, जिससे संकीर्ण मार्ग से घूमकर मंदिर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस पथ से सीताकुण्ड, गयाजी धाम, विष्णुपद मंदिर और एनएच-82 तक एक कॉरिडोर के रूप में दिखेगा। इससे आवागमन में श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी।

साथ ही मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से मनसरवा नाला पर घुघरी टांड़ मोड़ से फल्गू नदी तट तक बॉक्स नाला-सह-सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।

विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास के पश्चात् मुख्यमंत्री ने गया समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में पितृपक्ष मेला-2024 की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की।

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