विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री

Patna। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक शनिवार को की। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं, जो अब घट रहा है। जानकारी दी गयी है कि 46.69 प्रतिशत हो गया है, यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होने वाली अपराध की घटनाओं में पूरी तरह कमी आये। प्रशासन और पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये रखें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें। रात्रि गश्ती और तेज करें। रात्रि एवं पैदल गश्ती को और प्रभावी बनाने के लिये वरीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर रात्रि में स्वयं औचक निरीक्षण करें। कानून व्यवस्था को बनाये रखने में सभी पूरी तन्मयता से काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिये विभिन्न श्रेणियों में 2,29,139 पद स्वीकृत किये जा चुके हैं जबकि 1,06,436 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। शेष रिक्त पदों पर बहाली शीघ्र करें। कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है जल्द-से-जल्द बचे हुए पदों पर पुलिस की बहाली होने से कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने में और सहूलियत होगी। हमने वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिये 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। अभी बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में जो महिलायें शिकायत लेकर आतीं हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिस कर्मियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अलग से व्यवस्था की गई है।

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