Lucknow: संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने एवम संस्कृत शिक्षा (Sanskrit Education) के प्रति बच्चों का रुझान बढ़े इसके लिए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार हर जिले में आवासीय संस्कृत विद्यालय खोलने जा रही है। कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर स्थापित होने वाले ये आवासीय स्कूल आधुनिक सुविधा से सम्पन्न होंगे। विद्यालय का पूरा माहौल संस्कृतमय होगा। इसमें ज्यादातर स्मार्ट क्लास होंगे।
एनसीईआरटी (NCERT) की पुस्तकों में आधुनिक विषयों का समावेश कर पढ़ाई होगी। इन संस्कृत विद्यालयों में न सिर्फ 10+2 तक की पढ़ाई होगी बल्कि उसके बाद की रोजगारपरक शिक्षा भी दी जाएगी।
पहले चरण में 35 और दूसरे चरण में 40 संस्कृत विद्यालयों की स्थापना की योजना है। एक ही परिसर में सम्पूर्ण संस्कृत शिक्षा मुहैय्या कराना सरकार का लक्ष्य है।
बताते चलें कि दो माह पूर्व शिक्षा विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव शासन को भेजा गया था जिस पर विभिन्न एजेन्सियों से राय लेने के बाद वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है। अब इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के सदस्य जे पी सिंह मुताबिक प्रदेश में लम्बे समय से संस्कृत शिक्षा उपेक्षित रही है। वर्तमान सरकार संस्कृत को आसान तरीके से हर व्यक्ति तक पहुंचाने में जुट गई है।