पढ़ें ! अयोध्या में पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें

Ayodhya: अयोध्या में सोमवार को नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई। रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat), उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) मौजूद थे। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक पंथों के प्रतिनिधि, कालाकार, उद्योगपति, राजनेता, खिलाड़ी उपस्थित थे।
सुनहरी रंग का कुर्ता, क्रीम रंग की धोती और उत्तरीय पहने पीएम मोदी नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पैदल चलकर गर्भगृह में प्रवेश किया। प्रधानमंत्री इस दौरान अपने हाथ में लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ चांदी का छत्र भी लिए थे।
प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ‘सियावर रामचंद्र की जय’ और ‘जय श्री राम’के उद्घोष के साथ कहा कि 22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। यह एक नए कालचक्र का उद्गम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। आज हमारे राम आ गए हैं। मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी।

अयोध्या में पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें-

* प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मैं प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं, हमारे पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई होगी, हमारी तपस्या में कुछ कमी रही होगी कि हम इतने सदियों तक मंदिर निर्माण नहीं कर पाए… आज वह कमी पूरी हुई।
* प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है। आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। पूरा देश आज दीवाली मना रहा है।

* पीएम मोदी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है। ये क्षण आलौकिक है, ये पल पवित्रतम है।

* राम आग नहीं, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं।

* राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हज़ारों वर्षों तक होता है।

* वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए। रामलला के इस मंदिर का निर्माण, भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। हम देख रहे हैं, ये निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है।

* हर युग में लोगों ने राम को जीया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है।

* उस कालखंड में तो वियोग सिर्फ 14 वर्षों का था… इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ो वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है।

* आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। यह सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हजारों वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी इसलिए मैं कहता हूं यही समय है, सही समय है।

* मैं आज प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक यह कार्य कर नहीं पाए। आज वह कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु श्री राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।

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