Kishanganj: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत जिले के कुल 10,297 मरीज गोल्डन ई-कार्ड बनाकर निजी स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से लाभ ले चुके हैं। अभी भी जिले के सभी प्रखंड के सभी पंचायतों में दो जगहों पर शिविर लगाकर गोल्डन ई-कार्ड बनाया जा रहा है।
जिले में वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार कुल 2,17,430 परिवारों को गोल्डन ई- कार्ड देने का लक्ष्य है। वर्तमान में कुल 83,159 परिवारों को गोल्डन ई-कार्ड बनाया जा चुका है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि जिले में प्रखंड स्तर पर गोल्डन कार्ड बनाने और वितरण की जिम्मेवारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, जीविका के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, प्रखंड विकास पदाधिकारी और स्थानीय जन प्रतिनिधि की है ।
पंचायत स्तर पर लाभुकों को चिह्नित करने के लिए प्रखंड स्तर के पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं आशा कार्यकर्ता और जीविका के अधिकारी और कर्मचारी को लाभुकों की सूची सौंप दी गई है।
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जिला कार्यक्रम समन्वयक आयुष्मान पंकज कुमार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाए जाने वाले आयुष्मान भारत गोल्डन ई-कार्ड बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है कार्ड बनने के बाद उसे ऑनलाइन डाउनलोड कर उसका प्रिंट निकलवा सकते हैं। पहले इस कार्ड को बनाने के लिए 30 रुपये का चार्ज देना पड़ता था लेकिन अब यह कार्ड पूरी तरह से निःशुल्क है।
सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि आयुष्मान कार्ड परिवार के सभी लोगों का अलग-अलग बनेगा। यदि आयुष्मान कार्डधारी किसी गंभीर बीमारी या वैसी बीमारी का इलाज कराना चाहता हैं, जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक है, तो वे जिले के नौ सरकारी एवं तीन सूचीबद्ध निजी अस्पताल में से किसी भी अस्पताल में जाकर पांच लाख तक का निःशुल्क इलाज करा सकते हैं। सभी सरकारी अस्पतालों में भी योजना का लाभ दिया जा रहा है।
अभी तक जिले में कुल 170196 कार्ड जारी किये गये हैं। जिसमें कुल 10,055 से अधिक मरीजों को इस योजना के तहत लाभ मिल चुका है। हालांकि पहले की अपेक्षा आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।