पटना। बिहार के वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3,16,895.02 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। जो पिछले बजट की तुलना में 13.69 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसमें से कुल योजना व्यय 1,16,759.60 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.7 प्रतिशत अधिक है। राज्य सरकार का स्थापना और प्रतिबद्धता व्यय 2,00,135.42 करोड़ रुपये अनुमानित है।
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वेतन पर खर्च होंगे 81,473.45 करोड़
वेतन व्यय के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा आवंटित किया गया है। बजट में वेतन के लिए 81,473.45 करोड़ रुपये और पेंशन के लिए 33,389.43 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। राज्य के बकाया ऋण पर ब्याज भुगतान की राशि 23,013.94 करोड़ रुपये होगी, जबकि सार्वजनिक ऋण के पुनर्भुगतान के लिए 22,819.87 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
बजट का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 2.98 प्रतिशत पर रखकर राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना है, जो 3 प्रतिशत की सीमा से नीचे है।
राज्य सरकार का कुल बकाया ऋण 4,06,476.12 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2025-26 के लिए राज्य के अनुमानित जीएसडीपी 10,97,264 करोड़ रुपये का 37.04 प्रतिशत है। राज्य के राजस्व खाते से व्यय 2,52,000.26 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जबकि पूंजीगत व्यय 64,894.76 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जो कुल व्यय का 20.48 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त, पूंजीगत व्यय को केंद्र सरकार से ऋण के रूप में और सहायता मिल सकती है।