Shimla: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (cm Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में आई आपदा से भारी तबाही हुई है। उन्होंने शनिवार को कहा कि अब तक इस आपदा में 428 लोग काल का ग्रास बने हैं। राज्य में 13,000 से अधिक मकान और भवन पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। शिमला से परवाणू राष्ट्रीय राजमार्ग और मण्डी-मनाली राजमार्ग के बड़े-बड़े हिस्से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं। राज्य की अनेक सड़कों, पेयजल आपूर्ति योजनाओं एवं विद्युत व्यवस्था को भी भारी क्षति पहुंची है। प्रदेश में इस आपदा के कारण अभी तक लगभग 12 से 15 हजार करोड़ का नुकसान आंका गया है।
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सुक्खू ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में राज्य के लोग पीड़ित लोगों की सहायता करने के लिए आपदा राहत कोष में स्वैच्छिक योगदान कर रहे हैं, परन्तु त्रासदी इतनी बड़ी है कि अकेले राज्य सरकार इससे हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में बरसात में आई इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाये ताकि पीड़ितों को उचित सहायता एवं प्रदेश में क्षतिग्रस्त अधोसंरचना का समुचित पुनर्निर्माण सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने सूबे में हुई भारी क्षति को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रियंका ने पिछले दिनों अपने हिमाचल प्रवास के दौरान कुल्लू, मंडी तथा शिमला जिले के विभिन्न क्षेत्रों का विस्तृत दौरा किया तथा आपदा से पीड़ित लोगों से मुलाकात कर क्षति का जायजा लिया।