लखनऊ। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में बड़ी सौगात दी है। ‘जल जीवन मिशन’ के तहत हर घर नल योजना में सामुदायिक अंशदान का वहन योगी सरकार करेगी। हर घर तक नल पहुंचाने में पूंजी लागत का 10 फीसदी भाग सामुदायिक अंशदान के रूप में ग्रामीणों से लिए जाने की योजना थी। इस राशि का बोझ आमजन पर न पड़े, इसके लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार की तरफ से 2024-25 में इसके लिए 2000 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई थी, जिसे 2025-26 में बढ़ाकर 4500 करोड़ रुपये कर दिया गया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2,39,24,444 ग्रामीण परिवारों तक फंक्शनल हाउस होल्ड टेप कनेक्शन पहुंचाया गया है।
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जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें निर्माण लागत के सापेक्ष सामुदायिक अंशदान की व्यवस्था थी। सामुदायिक अंशदान के तहत एससी/ एसटी आबादी वाले गांवों में पूंजीगत लागत का पांच फीसदी व अन्य गांवों में 10 प्रतिशत भाग आमजन से लिया जाना तय था, लेकिन योगी सरकार ने आमजन को पेयजल उपलब्ध कराने को लोक कल्याणकारी दायित्व के रूप में मानते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4500 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराने का निर्णय लिया गया है। इससे ग्रामीणों को सामुदायिक अंशदान नहीं देना होगा। वहीं ग्रामीणों को रखरखाव के लिए अपनी ग्राम पंचायत को प्रतिमाह वाटर टैरिफ कलेक्शन के रूप में महज 50 रुपये प्रतिमाह ही देने होंगे।
नमामि गंगे व जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों पर बोझ न पड़े, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी में सामुदायिक अंशदान का वहन सरकार द्वारा करने के निर्देश दिए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4500 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। सरकार हर घर तक पेयजल पहुंचाने को संकल्पित है।