अनूपपुर: ईवीएम(EVM) में नोटा का विकल्प मिलने के बाद ऐसे मतदाता जो किसी भी उम्मीदवार को पसंद नहीं कर रहे वह नोटा बटन दबाने में संकोच नहीं कर रहे हैं। पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो काफी संख्या में मतदाताओं ने नोटा में भी वोट डालने में रुचि दिखाई है। फिलहाल, लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी घमासान शुरु है। अलग-अलग राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। शहडोल लोकसभा सीट के चुनाव पहले चरण में ही होने हैं।
शहडोल संसदीय सीट में प्रमुखत: दो राजनीतिक दल ही आमने-सामने हैं। हमेशा से दोनों दलों के बीच मुकाबला रहा है। हालांकि अन्य दल भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमाते हैं। इस बार भी दोनों प्रमुख दलों के उम्मीदवारों के अलावा आठ अन्य प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं। इन चिर प्रतिद्वंदी दलों में से कौन बाजी मारेगा यह तो मतदाताओं पर निर्भर है। पिछले दो लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखे जाए तो नोटा के पक्ष में मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 20 हजार के पार रही है। ये ऐसे मतदाता हैं, जिनको कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं आया और उन्होंने नोटा यानि उपरोक्त में से कोई नहीं का विकल्प चुना।
उम्मीदवार पसंद नहीं होने पर नोटा का विकल्प
वर्ष 2014 के पहले तक यदि मतदाता को प्रत्याशी पसंद नहीं होते थे तो वह मतदान करने से परहेज करते थे। इसे गंभीरता से लेते हुए वर्ष 2014 में ईवीएम में नोटा ऑप्शन को जोड़ा गया था। नोटा के आने के बाद मतदाता अपने मत का प्रयोग कर रहे हैं और प्रत्याशी पसंद न होने पर नोटा ऑप्शन को चुन रहे हैं।
2014 में पहली बार मिली सुविधा
शहडोल संसदीय सीट में वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो पहली बार नोटा ऑप्शन जुडऩे पर 21 हजार से अधिक मतदाताओं ने नोटा में वोट डाला था। इसके बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 20 हजार मतदाताओं ने नोटा में मतदान किया। अब 2024 के लोकसभा चुनाव की स्थिति मतदान के बाद स्पष्ट हो पाएगी।