पूर्णिया: डायन होने का आरोप लगाकर बिहार के पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 लोगों की बेहरमी से हत्या कर दी गई है। मृतकों में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक गांव के कुछ लोगों को बाबू लाल उरांव की पत्नी पर डायन होने का शक था। इसके बाद गांव के लोगों ने ही पहले उनके परिवार के साथ मारपीट की और बाद में जिंदा जला दिया। नृशंस हत्याकांड के बाद आरोपियों ने मृतकों के शवों को किसी सुनसान जगह पर गाड़ दिया है।

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पुलिस ने बताया है कि मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजीगंज पंचायत के टेटगामा वार्ड-10 का है। दर्दनाक घटना को गांव के लोगों ने मृतक के पुत्र के सामने ही अंजाम दिया है। घटना के बाद पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही हैं। मृतक की पहचान सीता देवी 48, बाबू लाल उरांव 50, कातो देवी 65, मंजीत उरांव 25 और रानी देवी 23 के रूप में हुई हैं।
घटना रविवार रात करीब 10 बजे की है। जब 50 लोग अचानक बाबूलाल उरांव के घर पहुंचे और उनकी पत्नी सीता देवी को डायन बताकर बांस से पीटना शुरू कर दिया। उनके बेटे सोनू के अनुसार, उसके सामने ही पूरे परिवार को बुरी तरह पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया। जानकारी मिलते ही पूर्णिया पुलिस अधीक्षक स्वीटी सहरावात सहित जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की निगरानी खुद संभाली है।
एसपी के नेतृत्व में छापेमारी जारी है, गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना के बाद गांव के अधिकांश लोग घर छोड़कर फरार हो गए हैं।
मृतक महिला के बेटे सोनू ने बताया कि गांव के कुछ लोगों को शक था कि उसकी मां काला जादू करती है। मां पर डायन का आरोप लगाकर रविवार रात गांव को गांव प्रमुख नकुल उरांव के नेतृत्व में एक बैठक बुलाई गई थी। बैठक में गांव के करीब 200 लोग शामिल हुए। इसी दौरान डायन का आरोप लगाकर मां सीता देवी और पिता बाबू लाल उरांव सहित परिवार के अन्य लोगों को बुलाया गया।


