लखनऊ। उत्तर प्रदेश को ‘उन्नत व उद्यम प्रदेश’ बनाकर ‘एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ के तौर पर स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही योगी सरकार ने अब पर्यावरण अनुकूल इकाइयों की स्थापना के लिए बड़ा कदम उठाया है। गौतमबुद्ध नगर व बुलंदशहर जिले के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) अधिकृत क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए नई स्कीम लायी गई है। नई स्कीम के जरिए सेक्टर-29, 32 व 33 में कुल 55 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन होगा। इससे न केवल यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एरिया (फेज-1) के विकास को गति मिलेगी बल्कि मास्टर प्लान-2041 को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
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उल्लेखनीय है कि यह स्कीम विशेष तौर पर पर्यावरण अनुकूल इकाइयों के लिए लायी गई है। इस स्कीम के जरिए टॉय, अपैरल व फर्नीचर पार्क की स्थापना हो सकेगी। वहीं, ओडीओपी का निर्माण करने वाली इकाइयों व एमएसएमई समेत कई औद्योगिक सेक्टर्स भी इकाई लगाने के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया की पात्र होंगी। 240 से अधिक प्रकार की नॉन पॉल्यूटिंग इंडस्ट्रीज इस स्कीम के जरिए औद्योगिक इकाइयां लगाने की पात्र होंगी। स्कीम के अतंर्गत आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है जो कि 29 मई तक जारी रहेगी।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यीडा की ओर से लायी गई स्कीम के अनुसार सेक्टर-29, 32 व 33 में कुल 55 औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया पूरी होगी। इसमें से 8 हजार वर्ग मीटर तक के कुल 50 प्लॉट आवंटन के लिए उपलब्ध हैं। इनकी शुरुआत 300 वर्ग मीटर से होती है। वहीं, 8 हजार से बड़े प्लॉट्स मुख्यतः टॉय पार्क, अपैरल पार्क व सामान्य औद्योगिक उपयोग के लिए हैं। इसमें सबसे बड़ा प्लॉट सेक्टर 32 का प्लॉट नंबर 68ए है, जो कुल 17,020 वर्ग मीटर का है। इस स्कीम के अंतर्गत प्रत्येक प्लॉट की रिजर्व्ड प्राइस निर्धारित है, जिसकी शुरुआत 64.16 लाख रुपये से होती है। वहीं, स्कीम के सबसे बड़े प्लॉट के लिए कुल प्रीमियम राशि 22.91 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
स्कीम के जरिए अपैरल-टॉय पार्क, हस्तशिल्प, ओडीओपी निर्माण इकाई, फर्नीचर निर्माण पार्क, एमएसएमई व सामान्य औद्योगिक उपयोग जैसी विभिन्न केटेगरी के अंतर्गत औद्योगिक इकाइयां लगाने के लिए प्लॉट आवंटित किया जाएगा। वहीं, सामान्य उपयोग वाली औद्योगिक इकाइयों की कैटेगरी के अंतर्गत दाल की मिल से लेकर एक्स-रे मशीन व टेलीकम्यूनिकेशन उपकरणों के निर्माण जैसे उद्योग इकाई लगाने के पात्र होंगे। इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए यीडा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध ब्रोशर डाउनलोड किया जा सकता है। सभी भूखंडों का आवंटन ई-नीलामी प्रक्रिया के जरिए होगा।
माना जा रहा है कि ई-नीलामी प्रक्रिया को जुलाई के शुरुआती हफ्तों में पूरा किया जाएगा। खास बात यह है कि ई-नीलामी प्रक्रिया में उन्हीं प्लॉट्स को शामिल किया जाएगा जिन पर तीन से अधिक वैध बिड के आवेदन प्राप्त होंगे। किसी भी सूरत में सिंगल बिड वाले प्लॉट का आवंटन नहीं किया जाएगा तथा ऐसे मामलों में ईएमडी, प्रोसेसिंग फीस समेत समस्त शुल्कों को आवेदनकर्ता को वापस दे दिया जाएगा।