Kishanganj: भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट मिलने के बाद राज्य सरकार ने भी एहतिहात बरतना शुरू कर दिया है। राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार एवं अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश पर जिला भी कोरोना के नए वेरिएंट जेएन 1 को लेकर एहतिहात बरत रहा है।
शुरुआती तौर पर जिले के सभी प्रखंडों में एक बार फिर कोरोना जांच की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। सभी प्रखंडों में कोरोना जांच काउंटर बना कर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। वहीं देश के कुछ राज्यों में कोरोना का नया वैरिएंट सामने आने के बाद इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं फिर बढ़ गई हैं। बहरहाल इस नये वैरिएंट से फिलहाल जिलेवासियों को कोई खतरा तो नहीं दिखता है। बावजूद इसके सीमावर्ती जिला होने के कारण इसके निगरानी व नियंत्रण को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। संभावित मरीजों की जांच का दायरा बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 10 बेड क्षमता वाला विशेष वार्ड पूर्व से सुरक्षित रखा गया है। अस्पताल में बेड पर सीधे ऑक्सीजन पाइपलाइन से जुड़े हैं।
सदर अस्पताल परिसर स्थित आरटीपीसीआर जांच सेंटर पूर्व से संचालित है। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में माकड्रिल कर स्वास्थ्य सुविधा चुस्त दुरुस्त कर लिया गया है। वहीं संदेहास्पद मरीजों की जांच भी की जा रही है। पूरे जिले में शनिवार को खबर लिखे जाने तक 100 व्यक्ति की जांच की गयी है। जिसमें एक भी पॉजिटिव नहीं मिला है। सदर अस्पताल में 50 बेडों वाला स्पेशल वार्ड का भी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि कोरोना के नये वैरिएंट जेएन-1 को लेकर फिलहाल लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है। राहत की बात है कि सूबे के किसी भी जिले में अबतक कोरोना के नये वैरिएंट से संबंधित मामला सामने नहीं आया है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से इसे लेकर पूरी सावधानी व सतर्कता बरत रहा है। कोरोना के संभावित खतरों से निपटने के लिए अस्पतालों में पूर्व से पुख्ता इंतजाम उपलब्ध है। उपलब्ध इंतजामों को अद्यतन किया जा रहा है। पूर्व में प्राप्त अनुभवों के कारण हमारे स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी कोरोना के संभावित किसी भी चुनौती से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं।
डा. कौशल किशोर ने बताया कि कोरोनो संक्रमण के संभावित खतरों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट है। संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण, संभावित मरीजों को चिह्नित करने व उपचार सेवाओं की तत्काल उपलब्धता संबंधी इंतजाम को अधिक उपयोगी व प्रभावी बनाने की पहल की जा रही है। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के भी स्तर से जरूरी निर्देश प्राप्त हुआ है। प्राप्त निर्देशों का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने की पहल की जा रही है। प्राप्त दिशानिर्देश के आलोक में सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों को आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने के लिये निर्देशित किया गया है। सभी प्रखंडों को प्रति दिन कम से कम 50 आरटीपीसीआर जांच का लक्ष्य दिया गया है।
गौर करे कि कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। ताकि हर परिस्थिति से निपटा जा सके। इसकी जानकारी देते हुए डीपीएम डा. मुनाजिम ने बताया कि संक्रमण के नए वेरिएंट को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति के एसीएस के द्वारा कई दिशा निर्देश जारी किए गए। दिशा निर्देश के आलोक में जिला स्वास्थ्य समिति कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि संक्रमण से निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति पूरी तरह से तैयार है। फिलहाल कोविड जांच सभी प्रखंडों में शुरू कर दिया गया है। डा. कौशल किशोर ने बताया कि कोरोना के नए वेरिएंट जेएन 1 को लेकर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। लोगों से अपील की जा रही है कि सर्दी, खांसी बुखार और बदन दर्द की शिकायत होने पर एक बार कोरोना की जांच जरूर कराएं। साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी जा रही है।