RANCHI: राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने सरकार की चौथी वर्षगांठ पर शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में चार साल की उपलब्धियां गिनायी। उन्होंने कहा कि अब आदिवासी परिवार के लोगों को 60 वर्ष पर नहीं, बल्कि 50 साल की उम्र में ही वृद्धा पेंशन मिलेगी। इस पर सरकार जल्द घोषणा करेगी।
उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार बनी, तो कोरोना काल चल रहा था। ये अभिशाप की तरह था। ऐसे भी झारखंड की गिनती सबसे पिछड़े राज्य में की जाती है। यहां मजदूर एक दिन मजदूरी नहीं करता है तो उसके घर का चूल्हा नहीं जलता है। ऐसे समय में हमारी जंग कोरोना और भुखमरी दोनों से थी। उस समय हमने पूरे देश में ऑक्सीजन दिया। बिना पैनिक किए हमने पूरी स्थिति को संभाला। इस कोरोना में हमारे दो मंत्री चले गए। टाइगर जगरनाथ महतो हमारे बीच नहीं रहे। उनकी पत्नी को हमने मंत्री बनाया।
सोरेन ने कहा कि नवजात झारखंड का जब 2000 में जन्म हुआ तो इसे मजबूत करने के बजाय इसे लूट लिया गया। उस वक्त हम सहानुभूति के अलावा कुछ नहीं दे सके। झारखंड तो अलग हुआ लेकिन उसे वो सब नहीं मिल सका, जिससे झारखंड का विकास हो सके। हम जब सरकार में आए तो इसकी स्थिति काफी भयावह थी। यहां पलायन अपने शीर्ष पर था। कोरोना में तो आपने देखा ही लाखों मजदूर बाहर फंसे थे, सबको हमने बचाया। आपदा में भी हमने एक को भी भूख से मरने नहीं दिया और इन लोगों ने आम मौके पर ही भुखमरी की स्थिति में ला दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के लिए सभी जिलों में फ्री कोचिंग देने पर काम जारी है। कोल कंपनियों पर राज्य का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया है, जो केंद्र सरकार के पास है। केंद्र सरकार सभी राज्यों को अनुदान भुगतान करती है लेकिन झारखंड को अनुदान नहीं मिलता। सरकार ने आवास के लिए आठ लाख लोगों को चिन्हित किया है। इसके लिए अनुदान मांगा लेकिन ये अनुदान भी केंद्र सरकार ने रोक दी। इसके बाद राज्य सरकार ने बगैर अनुदान के बेहतर घर बनाने का निर्णय लिया।
सोरेन ने कहा कि आंकलन के अनुसार 15 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। सरकार इस पर भी पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि चार साल में सरकार ने 20 लाख किसानों को केसीसी से जोड़ने को काम किया। सरकार किसानों को बीमाकृत जानवर देगी। पशुधन योजना के तहत किसानों को दी जायेगी। पशुपालन में सरकार का विशेष बल है। 90 फीसदी अनुदान में सरकार जानवर उपलब्ध करा रही है।
राशन डीलरों के कमीशन पर निर्णय जल्द
राशन डीलरों की भी लंबी मांग है। इनके कमीशन को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसकी जल्द सरकार घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरा राशन कार्ड से राशन उपलब्ध करा रही है। एफसीआई से राशन की मांग की गयी लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली। अब खुले बाजार से महंगे दर पर अनाज खरीद कर बांट रही है। केंद्र सरकार सौतेला व्यवहार करती है। आधारभूत संरचना के तहत छह हजार करोड़ से अधिक की लागत से ग्रामीण सड़क निमार्ण किया जा रहा है।
डीवीसी ठीक से नहीं देती बिजली
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी राज्य को बिजली उपलब्ध करा रही है लेकिन हजार करोड़ बकाया रह गया तो बिजली काट दी जाती है। संसाधन झारखंड का इसके बाद भी बिजली नहीं मिलती लेकिन सरकार की छवि खराब करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है। राष्ट्रपति के दौरे के दौरान डीवीसी बिजली काट दी जाती है। अब सरकार अलग से वितरण और संचरण पर काम कर रही है। आने वाले डेढ़ साल के अंदर डीवीसी से मुक्ति मिलेगी। सरकार 24 घंटे बिजली की व्यवस्था करेगी।
केन्द्र का नहीं मिल रहा सहयोग
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार ने 11 लाख लोगों का राशन कार्ड रद्द किया। वर्तमान सरकार ने 20 लाख राशन कार्ड बनाकर बांटा। अब सरकार इस राशन कार्ड में दाल भी मुफ्त दे रही है। 16 लाख को पेंशन पूर्व में दिया जाता था। चार साल के अंदर सरकार ने 36 लाख 20 हजार लोगों को पेंशन दिया। नियुक्ति बीस साल में पहली बार राज्य में लगने वाले उद्योगों में 75 फीसदी लोग झारखंड के होंगे।
इस संबंध में सरकार ने नियम बनाया। सहायक अभियंता, डॉक्टरों, ए ग्रेड नर्स समेत कई पदों पर नियुक्ति की। सरकार लगातार 45 हजार सरकारी वैकेंसी निकाली गयी है, जिनमें से कुछ के रिजल्ट भी आ चुके हैं। सरकार ने इस दौरान नियुक्ति में कई रिकॉर्ड बनाया है। इस दौरान औद्योगिक नगरी जमशेदपुर के लिए एमओयू शाइन किया गया।
इस मौके पर शिबू सोरेन, सांसद महुआ माजी, कल्पना सोरेन, कांग्रेस के राजेश ठाकुर समेत सभी मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे।