Mathura। देश के पहले बालिका सैन्य विद्यालय का सोमवार को वृंदावन में लोकार्पण हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने संयुक्त रूप से फीता खोलकर देश की बेटियों को पहला बालिका सैन्य विद्यालय समर्पित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी (Chief Minister Yogi) ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो लोग अयोध्या जाने से संकोच करते थे। वह अब कह रहे हैं कि हमें निमंत्रण नहीं मिला।’’ साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हर नागरिक का ये संकल्प होना चाहिए कि 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने में सहयोग करे।
मुख्यमंत्री योगी (Chief Minister Yogi) ने कहा कि महायोगी की नगरी मथुरा की पहचान अब बेटियों से भी होगी। वृंदावन में देश के पहले सैन्य बालिका विद्यालय का लोकार्पण हो गया। साध्वी ऋतंभरा द्वारा स्थापित वात्सल्य ग्राम परिसर में समविद गुरुकुलम बालिका सैन्य विद्यालय में सीबीएसई पाठ्यक्रम के साथ सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस सैन्य विद्यालय में 120 सीटें हैं। आगामी 21 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी, जिसमें सफल अभ्यर्थियों की ई-काउंसलिंग होगी और मेरिट लिस्ट बनेगी। सत्र अप्रैल से शुरू होगा। बेटियों के तीन बैच बनाए जाएंगे। बेटियों को सीबीएसई शिक्षा के साथ सैन्य शिक्षा, खेलकूद के अलावा बाधा प्रशिक्षण भी पूर्व सैनिकों या एनसीसी द्वारा दिया जाएगा।
योगी ने कहा मिशन शक्ति बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का एक अद्भुत उदाहरण है। समाज को अगर सशक्त होना और सामर्थ होना है, तो नारी शक्ति की सुरक्षा, उनके सम्मान और स्वावलंबन की बिना यह संभव नहीं है। इसके लिए हम सभी को जुटना पड़ेगा। समाज को अपनी रूढ़िगत विचारधारा से बाहर निकालना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी(Chief Minister Yogi) ने कहा कि सैनिक स्कूलों में बालिकाओं का प्रवेश हो इसके लिए उन्होंने अनुमति दी है। देश के अंदर सैनिक स्कूलों की परंपरा उत्तर प्रदेश में 1960 में प्रारंभ हुई थी जब डॉक्टर संपूर्णानंद मुख्यमंत्री थे। डॉक्टर संपूर्णानंद ने अपने देश का पहला सैनिक स्कूल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित किया था। मुझे 2017 में लखनऊ के सैनिक स्कूल में जाने का अवसर प्राप्त हुआ था। उस सैन्य स्कूल की समिति का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है, इस नाते में वहां गया था। उस समय मैंने वहां पूछा था कि यहां बालिकाओं का प्रवेश है तो, उन्होंने कहा कि नहीं, तो मैंने कहा कि अगले सत्र से इसमें बालिकाओं का भी प्रवेश हो। 2018 में इस कार्यक्रम को हमने वहां पर प्रारंभ किया। सैनिक स्कूल लखनऊ को इस बात का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि देश के सेवा का सर्वाेच्च मेडल परमवीर चक्र वहां के ही एक छात्र मनोज पांडे को मिला है। मनोज पांडे कारगिल के युद्ध में देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। हमारी सरकार ने लखनऊ के सैनिक स्कूल का नाम कैप्टन मनोज पांडे के नाम पर रखा।
मुख्यमंत्री योगी (Chief Minister Yogi) ने कहा कि आज सैनिक स्कूल हमारे बालक- बालिकाओं के मन में सेना का अनुशासन ला रहा है। उन्होंने कहा कि जीवन का यह अनुशासन और सैन्य शक्ति का अनुशासन हम सबको आगे बढ़ाने में मदद करेगा। भारत की शक्ति का एहसास दुनिया को कराएगा। जब एक स्वर में 140 करोड़ भारतवासी, भारत की आन, बान और शान की रक्षा का का कार्य अपने हाथों में लेकर के इस अभियान के साथ जुड़ेंगे। कृतज्ञ भाव के साथ, नेशन फर्स्ट के भाव के साथ जुड़ेंगे तो दुनिया की कोई ताकत आपको झुका नहीं सकती है। कोई आपका मार्ग नहीं रोक सकती। हम सब उसे मार्ग पर चलें। दायित्व हो सकता है, किसी को कोई दायित्व मिले किसी को कोई और दायित्व मिले। लेकिन हम जहां पर हैं वहां संकल्प लेकर उस कार्य को करते हैं कोई कार्य नहीं की दुनिया में आज भारत का सम्मान बढ़ा है। एक नए भारत का दर्शन हो रहा है।
योगी ने कहा कि हमारे लिए पहले देश, फिर धर्म, उसके बाद परिवार और अंत में व्यक्तिगत होना चाहिए। अगर यह भाव हम सब भारतवासियों के मन में आ गया, तो कोई कारण नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे सामने विकसित भारत का जो लक्ष्य रखा है उसे 2047 तक हम जरूर प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए हम सबको एकजुट हो कर कार्य करना होगा। इसके लिए सीएम योगी ने लोगों को पंच प्रण गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, विकसित भारत, विरासत पर गर्व, एकता एवं एकजुटता और नागरिक कर्तव्य की शपथ दिलाई।
उन्होंने कहा कि हम लोग इस बात को हमेशा से जानते रहे हैं कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Shri Ram Janmabhoomi Temple) आंदोलन चल रहा था, पूज्य संतों के सानिध्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के मार्गदर्शन में विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) इस आंदोलन को नेतृत्व प्रदान कर रहा था। उस समय हम सब यह बात कहते थे कि श्री राम जन्मभूमि का समाधान भारतवासी स्वयं कर लेंगे। जिस दिन हर सनातन धर्म स्वावलंबी एक स्वर से अयोध्या की ओर जय श्री राम की हुंकार करेगा उस दिन श्री राम जन्मभूमि का मार्ग अपने आप हो प्रशस्त हो जाएगा।
योगी ने कहा कि आपने देखा 30 दिसम्बर को प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) अयोध्या (Ayodhya) में पहुंचे थे। पहले जो अयोध्या का इंफ्रास्ट्रक्चर था। वहां की सड़कें, एक सिंगल रेल लाइन जाती थी। वहां पर हमने फोरलेन की कनेक्टिविटी चारों तरफ से दे दी है। अयोध्या के बाहर से ही नहीं, अंदर भी चार लेन और छह लेन की सड़कें मिलेंगी। 22 जनवरी के बाद एक बार अयोध्या जाकर देखिए आपको त्रेता युग याद आ जाएगा। हजारों वर्ष पहले प्रभु राम पुष्पक विमान से अयोध्या आए होंगे, और अब तो अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भी उद्घाटन हो गया है। रेलवे लाइन को डबल लाइन के साथ जोड़ा जा चुका है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं किया है। अब तो अयोध्या और उसके आसपास पांच-छह नए स्टेशनों का विकास किया जा रहा है। किसी को भी समस्या नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि अब अयोध्या को सड़क मार्ग, रेल मार्ग, वायु मार्ग से भी जोड़ दिया गया है। अब जल मार्ग से भी जोड़ने की हमारी कार्यवाही प्रारंभ हो गई है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग अयोध्या जाने से कतराते थे, जिन्हें अयोध्या का नाम लेने में संकोच होता था, आज वह भी कहते हैं कि हमें भी निमंत्रण मिलेगा तो हम भी अयोध्या जाएंगे। यही परिवर्तन है कि आप अपनी ताकत का एहसास कराएंगे तो हर व्यक्ति आपके साथ जुड़ेगा। उसे परिवर्तन के साथ जुड़ने के लिए आज हम आपके पास एकत्र होकर आए हैं।
हिंदूवादी नेता और वात्सल्य ग्राम की अधिष्ठात्री साध्वी ऋतंभरा का आज जन्म दिवस है। साध्वी ऋतंभरा के शिष्य और अनुयायी 01 जनवरी को उनके जन्मोत्सव को भव्य तरीके से मनाते हैं। इस बार साध्वी ऋतंभरा के 60 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में षष्टी पूर्ति महोत्सव मनाया जा रहा है। तीन दिवसीय इस महोत्सव के अंतिम दिन जगद्गुरु रामभद्राचार्य, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा योग गुरु बाबा रामदेव, आचार्य बाल कृष्ण कार्यक्रम में शामिल हुए।