Ayodhya: श्रीरामजन्मभूमि (Shri Ramjanmabhoomi) पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा (Consecration of Ramlala) का कार्यक्रम निर्धारित है। इस अवसर पर देश की नहीं अपितु पूरे विश्व की निगाहें हैं। रामलला की मूर्ति का चयन भी हो चुका है। मंदिर को अंतिम रूप देने के लिए दिन-रात काम चल रहा है। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के अलावा देशभर से लाखों विशेष अतिथि अयोध्या आ रहे हैं। कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद आम श्रद्धालु भी भव्य एवं ऐतिहासिक राम मंदिर के दर्शन कर सकेंगे। इन सबके बीच इन दिनों कामेश्वर चौपाल का नाम भी काफी चर्चा में है। दरअसल, कामेश्वर प्रसाद ही ऐसे पहले खुशकिस्मत शख्स हैं, जिन्होंने राम मंदिर के शिलान्यास (foundation stone laying) के समय पहली र्इंट रखी थी।
बचपन में आरएसएस में सक्रिय : कामेश्वर चौपाल (Kameshwar Chaupal) बताते हैं कि वह बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) में सक्रिय रहे हैं। साल 1984 में राम जन्मभूमि के मुद्दे पर दिल्ली के विज्ञान भवन में पहली धर्म संसद हुई तब उनकी उम्र करीब 30-35 वर्ष रही होगी। इसके बाद वे राम मंदिर आंदोलन और इससे जुड़ी लगभग सभी गतिविधियों में सक्रिय रहे। साल 1984 में ही जब जनकपुर से पहली यात्रा निकाली गयी थी, तो उसमें भी कामेश्वर चौपाल (Kameshwar Chaupal) सक्रिय रहे थे। कामेश्वर चौपाल (Kameshwar Chaupal) ने बताया कि संतों ने 1989 में ही फैसला लिया था कि राम मंदिर के शिलान्यास में अनुसूचित वर्ग के व्यक्ति से पहली र्इंट रखवाई जायेगी। इस निर्णय के बारे में मुझे जानकारी थी, लेकिन वह व्यक्ति मैं ही होऊंगा, इसका जरा भी कल्पना नहीं की थी। आपको बता दें कि कामेश्वर चौपाल साल 2002 से 2014 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं।