Ayodhya: रामलला की मूर्ति को बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद जब श्रीराम कि मूर्ति की तरफ़ देखा तो वह हैरान रह गए। उन्होंने इस बात का खुलासा एक इंटरव्यू में किया था। जहां वह रामलला के स्वरूप के बारें में बताते हुए रो पड़े थे। उन्होंने बताया था कि, जब वह गर्भगृह में थे तो उन्होंने मूर्ति को देखा, तो उन्हें आभास हुआ कि यह वह मूर्ति नहीं है, जो उन्होंने बनाई थी। प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति के भाव दूसरे थे और प्रतिष्ठा के बाद प्रभु का स्वरूप ही बदल गया।
यह भी बता दे कि, बुधवार रात मैसूरु के कैम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा(Kempegowda International Airport) पर उनका स्वागत किया गया। वह रात 9:30 बजे उतरे। जहां सीआईएसएफ(CISF) के कर्मियों द्वारा उन्हें टर्मिनल से बाहर लाया गया। उनके प्रशंसकों और भाजपा(BJP) कार्यकर्ताओं के अलावा भी बड़ी संख्या में भीड़ उनके स्वागत के लिए तैयार थी। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट गए थे।