पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) ने ज्ञान भवन में बिहार जलवायु सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। मौके पर मुख्यमंत्री ने 108 करोड़ 33 लाख रुपये लागत की पार्क, ईको टूरिज्म, भू-जल संरक्षण एवं आधारभूत संरचना विकास की 26 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा पूर्णिया और भागलपुर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों का उद्घाटन तथा ”बिहार की जलवायु अनुकूल एवं न्यून कार्बन प्रारूप” रणनीति का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा लोगों को वायु की गुणवत्ता की जानकारी देने के लिए डैशबोर्ड का भी शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के दौरान जलवायु कार्य हेतु बिहार घोषणा पत्र जारी किया गया।
उल्लेखनीय है कि बिहार एक आपदा प्रवण राज्य है और जलवायु परिवर्तन के कारण विगत कुछ दशकों से बाढ़, सुखाड़, आकाशीय विद्युत जैसी आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति में बढ़ोतरी हुई है। इस पृष्ठभूमि में राज्य सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन शमन एवं अनुकूलन की दिशा में अनेक कदम उठाये गये हैं जिनमें ”जल-जीवन-हरियाली अभियान” एवं जलवायु अनुकूल कृषि कार्य प्रमुख हैं। बिहार, देश का पहला राज्य है जहाँ जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
जल-जीवन-हरियाली जागरूकता अभियान के अंतर्गत 19 जनवरी, 2020 को राज्य में 18 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी मानव श्रृंखला बनी जिसमें 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने भाग लेकर पर्यावरण के संरक्षण और नशामुक्ति के समर्थन में एवं बाल विवाह और दहेज प्रथा मिटाने के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 24 सितम्बर, 2020 को संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु परिवर्तन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में कई देशों के प्रधानमंत्री एवं प्रमुख नेताओं के समक्ष अपनी बात रखने का मौका मिला था जिसमें उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान को दुनिया के लिए बेहतरीन उदाहरण बताया था।
इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सहित परिवहन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, ऊर्जा विभाग, उद्योग विभाग, तकनीकी संस्थान, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं डब्ल्यूआरआई इंडिया, यूएनईपी, शक्ति सस्टेनेबुल एनर्जी फाउंडेशन जैसे सहयोगी संस्थानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान ”बिहार राज्य की जलवायु अनुकूल एवं न्यून-कार्बन प्रारूप रणनीति के प्रभावी क्रियान्वयन” के ड्राफ्ट प्रति का मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया।