बरवाला (हिसार): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में बीबीसी के नाम से एक उद्योग स्थापित कर रखा था जिसका अर्थ था बदलियां, भर्ती और सीएलयू उद्योग। इस उद्योग के नाम पर मोटी कमाई की जा रही थी, लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद इस उद्योग को पूरी तरह से बंद कर दिया। पहले शिक्षकों की बदलियां ऑनलाइन की गई और अब हरियाणा के सभी 4 लाख कर्मचारी ऑनलाइन तबादले करवा पाएंगे। भाजपा सरकार ने नौकरियां मेरिट के आधार पर दी और सीएलयू के सिस्टम को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने का काम किया। अब किसी भी काम के लिए किसी भी व्यक्ति को एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ता। मनोहर लाल शुक्रवार को यहां कपास मंडी में हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रणजीत चौटाला के समर्थन में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के पास किसी सीट के लिए दावेदार ही नहीं है और अगर कहीं पर दावेदार हैं तो वहां उनके बीच इतनी लड़ाई है कि कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पा रही है, जिस कारण मैदान अभी तक खाली है। जब तक कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेगी तब तक जनता अपना मन बना चुकी होगी और 4 जून को बीजेपी हरियाणा की सभी लोकसभा और करनाल विधानसभा बड़े अंतराल से जीतेगी।
मनोहर लाल ने कहा कि 10 साल नरेंद्र मोदी और साढ़े 9 साल हरियाणा की सरकार ने सिस्टम बदलने का काम किया। किसानों को पहले अपनी जमीन की फर्द लेने के लिए तहसीलदार और पटवारी के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन सरकार ने इस सिस्टम को बदलकर इसे भी ऑनलाइन कर दिया। लोगों को राशन कार्ड बनवाने के लिए चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन भाजपा सरकार ने उसे ऑनलाइन किया। मरे हुए आदमियों की बुढ़ापा पेंशन कुछ लोग खा रहे थे, लेकिन भाजपा सरकार ने उस पर अंकुश लगाने का काम किया और अब सरकार ने उस चोरी को रोक कर विदुर और कुंवारों की पेंशन शुरू की है। उन्होंने कहा कि 2015 से पहले प्रदेश में केरोसिन के टैंकर आते थे और पेट्रोल और डीजल में मिलाकर उसे बेचा जाता था जिससे लोगों को भारी दिक्कतें होती थी। भाजपा सरकार ने प्रदेश को केरोसिन फ्री प्रदेश बनाने का काम किया। जीएसटी लागू की जिसका कुछ दिन तो विरोध हुआ, लेकिन आज जीएसटी के कारण देश प्रदेश व्यापारी और आम जनता सभी का भला हो रहा है। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में इंस्पेक्टरी राज खत्म हो गया है। केंद्र सरकार ने गरीबों महिलाओं और युवाओं का बहुत ध्यान रखा है।
सरकार 14 फसलों को एमएसपी पर खरीद रही:
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के लिए उठाए जा रहे कदमों का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार 14 फसलों को एमएसपी पर खरीद रही है। पूरे देश में कोई भी राज्य ऐसा नहीं है जो इतनी फसलें खरीद करती हो। किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब की तरफ से किसानों का आंदोलन उठना है साबित करता है कि पंजाब का दिवाला पीटा हुआ है। पंजाब में किसानों की दो फसल ही एमएसपी पर खरीदी जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हरियाणा में जातिवाद की राजनीति को खत्म करने का काम किया है और हरियाणा एक हरियाणवी एक का नारा दिया है। उन्होंने कहा की किसान पहले आढ़ती से पैसे मांगता था, लेकिन सरकार ने इस बात की व्यवस्था की है कि पैसा किसान को न मांगना पड़े। अब फसल का पैसा किसान के खाते में आता है और आढ़ती को जरूरत पड़ने पर किसानों से पैसा लेना पड़ता है।
बिजली की स्थिति पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग कई बार सवाल करते हैं कि हरियाणा में कोई नया बिजली प्लांट नहीं लगाया। खुले दिल से उन्होंने माना कि हमने नया प्लांट नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि बिजली बनाने पर करीब सात रुपए यूनिट का खर्चा आता है,जबकि हमें ढाई से 3 रुपए यूनिट में बिजली मिल रही है। फिर हम बिजली का प्लांट क्यों लगाएं? उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए हरियाणा में अब दो नए बिजली प्लांट लगाने का काम किया जा रहा है। विपक्ष द्वारा मुफ्त बिजली देने के वायदे पर तंज कसते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोग बिजली देंगे ही नहीं तो ऐसे में फ्री बिजली का क्या फायदा। वर्तमान सरकार हरियाणा में 24 घंटे बिजली दे रही है और बिजली के रेट पिछले साढ़े 9 साल में कभी नहीं बढ़ाए गए। कुछ क्षेत्रों में बिजली के रेट कम किए गए हैं।
कांग्रेस डूबती नाव:
विपक्षी गठबंधन को उन्होंने “कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानमती ने कुनबा जोड़ा” की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी नाव है, जिसमें बहुत से नेता सवार है और उनमें से एक नेता बिल्कुल पीछे बैठकर नाव में सुराख करने में लगा है। जब उसे कहा गया कि वह यह क्यों कर रहा है नाव डूब जाएगी, तो उसने कहा कि मेरी मर्जी। मनोहर लाल ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि वह लोग भी अब डूबती हुई नाव में सवार हो गए हैं। कुछ लोग कीचड़ में पड़े थे,उनको उठाकर कमल के फूल की सवारी कराई, लेकिन उनको सुगंध रास नहीं आई और वे लोग फिर से कीचड़ में डूबती नैया में बैठ गए हैं।