बड़कागांव।
बड़कागांव करणपुरा महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में हिंदी विभाग द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय- सूरदास के काव्य में श्रृंगार एवं वात्सल्य रस का वर्णन था ।इसकी अध्यक्षता प्राचार्य कीर्ति नाथ महतो ने कि उन्होंने कहा कि सूरदास वल्लभाचार्य की प्रेरणा से कृष्ण की विविध लीलाओं का वर्णन किया और पुष्टिमार्ग के कवियों मे स्थान बना लिया ,सूरदास के आराध्य कृष्ण थे ।हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अनु कुमारी ने कहा सूरदास भक्ति काल के कृष्ण काव्यधारा के श्रेष्ठ कवि माने जाते हैं । जन्मांध होते हुए भी सूरदास ने कृष्ण की बाल लीलाओं के वात्सल्य रस के संयोग एवं वियोग दोनों पक्षों का मार्मिक वर्णन किए हैं ।सूरदास ने माता यशोदा के हृदय की व्याकुलता, उदिग्नता ,विवशता, और चिंता की सजीव एवं मार्मिक वर्णन किया है ।हिंदी विभाग की प्रोफेसर ललिता कुमारी ने कहा कि महाकवि सूरदास हिंदी के श्रेष्ठ भक्त कवि थे। उनका संपूर्ण काव्य ब्रजभाषा का श्रृंगार है। जिसमें विभिन्न राग रागनियो के माध्यम से एक भक्त ह्रदय के भावपूर्ण उद्गार व्यक्त हुए हैं। मौके पर छात्र-छात्राओं में पिंटू कुमार, अंजली कुमारी ,अरविंद कुमार आदि ने भी सूरदास जी द्वारा रचित कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया ।संचालन प्रोफेसर सुरेश महतो द्वारा हुआ इन्होंने कहा कि सूरदास ने वल्लभाचार्य की प्रेरणा से कृष्ण की विविध लीलाओं का वर्णन किया बाल वर्णन लीला के क्षेत्र में सूर अद्वितीय माने जाते हैं । सधन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर लालदेव महतो ने किया एवं सेमिनार संपन्न हुआ। कार्यक्रम मे मुख्य रूप से प्रो. मोहम्मद फजरूद्दीन , प्रो. निरंजन प्रसाद नीरज, प्रो. नरेश कुमार दांगी, प्रो. ऋतुराज दास,प्रो.रंजीत प्रसाद प्रो. पवन कुमार, प्रो. चंद्रशेखर राणा, सीकरी पंचायत के मुखिया प्रभु महतो, नमेधारी राम, सनवीर कुमार छात्र-छात्राओं में बबलू , रणदीप, प्रियंका, अंजली, चंचला, अरविंद आदि उपस्थित थे।