Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोज महोत्सव की रूपरेखा के संबंध में मंत्रीगण की उपस्थिति में संस्कृति और अन्य संबंधित विभागों को दिया निर्देश। उन्होंने कहा कि लोक कल्याण, अभियांत्रिकी, लेखन और शौर्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले राजा भोज के कृतित्व और व्यक्तित्व से जनसामान्य को परिचित करवाया जाएगा। राजा भोज की स्मृति में भोपाल में तीन दिवसीय भोज देव महोत्सव भी होगा। प्रदर्शनी, फिल्म प्रदर्शन, नाट्य मंचन, संगीत कार्यक्रमों और पुस्तकों के प्रदर्शन के माध्यम से राजा भोज का योगदान प्रदर्शित किया जाए।
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उन्होंने कहा कि धार से लेकर भोपाल और अन्य क्षेत्रों में राजा भोज द्वारा सरोवर निर्माण एवं बांध निर्माण के लोकोपयोगी कार्य किए गए। उन्होंने लगभग सवा सौ कृतियां भी लिखी हैं। राजा भोज के हस्तलिखित पत्र और अन्य संग्रहित वस्तुओं को भी जनसामान्य के सामने लाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजा भोज के कार्यों पर फैलोशिप प्रदान करने और अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजा भोज की पहचान भोपाल से जुड़ी है। उनके नाम से भोपाल नगर सीमा पर एक या एकाधिक राजा भोज द्वार भी निर्मित किए जाएं।
बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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