Bhopal : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और कांग्रेस विधायकों से भेंट की। इस दौरान 63 में से 35 विधायक शामिल रहे। करीब डेढ़ घंटे तक CM और कांग्रेस विधायकों के बीच चर्चा चली। मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायकाें की समस्याओं को सुना और कहा कि मुझे उम्मीद है कि सकारात्मक विपक्ष प्रदेश के लिए भी बेहतर काम करेगा। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने विजन डॉक्यूमेंट, फसल के दाम, महिला अत्याचार और प्रदेश में दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक पर बढ़ते अत्याचार को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा किए जा रहे है कार्यों के बारे में भी विधायकों से चर्चा की है। खासकर के पहले हमने अपनी फसलों के सर्वे का फैसला किया। जिसके लिए हमने जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया की अगर फसल खराब हुई है तो उसका निराकरण करें। गौशालाओं के लिए उनकी व्यवस्था अच्छी बनी रहे, उसका अनुदान बढ़ाने के लिए नगरीय क्षेत्र में इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर बड़ी-बड़ी नगर निगमों में गौशाला बनाने और गौ धन को बढ़ावा देने के साथ ही दूध पर बोनस और दूध उत्पादन में भी प्रदेश देश का नम्बर राज्य बने। राज्य परिसीमन आयोग भी बनाया है। जिला संभाग, तहसीलों को अपनी सीमाएं बदलने के लिए सभी प्रकार के सुझाव भी लेंगे। विकास के मामलों में भी सरकार द्वारा किए गए कार्यो से उन्हें अवगत कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विधायक वो चाहे कांग्रेस के हो, या बीजेपी के सभी अपनी-अपनी विधानसभाओं में विजन डाक्यूमेंट बनाएं। पांच सालों मे विकास के मामले में वो अपनी विधानसभा को कहां ले जाना चाहते हैं और उसमें हम समान रूप से सारे विधायकों की मदद करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम मध्यप्रदेश की आर्थिक व्यवस्था भी डबल करने वाले हैं। उन्हाेंने कहा कि विकास के मामलों में मध्यप्रदेेश देश का नम्बर वन राज्य बने इस प्रयास में हम लगे है। मैं उम्मीद करता हूँ कि सारे जनप्रतिनिधि वो अपनी अपनी चिंता करके आ रहे हैं। हम सबने भी कोशिश की है कि मध्यप्रदेश को एक नए रूप में भी लाना है। जहा से हम चले थे उससे और भी डबल स्थिति पाना है। मैं उम्मीद करता हूँ कि आने वाले समय में विकास की गति को इसी तरह जारी रखेंगे।
प्रदेश का किसान नाराज: नेता प्रतिपक्ष
बैठक खत्म होने के बाद विधायकों के साथ सीएम हाउस से बाहर निकले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, ‘प्रदेश का किसान नाराज है। सरकार ने वादा किया था कि धान 3100 रुपए और गेहूं 2700 रुपए के समर्थन मूल्य पर खरीदेंगे। विधानसभा में भी हमने यह मुद्दा उठाया था। सोयाबीन और मक्का की फसल को अतिवृष्टि के कारण नुकसान हुआ है, इसका तत्काल सर्वे कराकर मुआवजा देना चाहिए।’ सिंघार ने कहा, ‘मध्यप्रदेश सरकार उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेज पाती, इस कारण केंद्र सरकार से पैसा नहीं आ रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों के करोड़ों रुपए रुके हुए हैं। हमने सीएम से कहा कि नल-जल योजना में कांग्रेस-बीजेपी की बात नहीं आनी चाहिए। हर घर पानी पहुंचना चाहिए।’
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