स्वदेश संवाददाता
इचाक : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चंपानगर नावाडीह मध्य विद्यालय में भवन प्रमंडल विभाग के अंतर्गत मरम्मती एवं सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है जिसका प्राक्कलन राशि एक करोड़ 11 लाख रुपया है। कार्य का शिलान्यास बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव के द्वारा 10 दिन पूर्व किया गया उसके बाद संवेदक के द्वारा विद्यालय में मरमती एवं सुंदरीकरण का कार्य शुरू किया गया। स्थानीय लोगों में इस बात की खुशी थी की विद्यालय के भवन काफी जर्जर हो गए थे जिसमें बच्चों को स्कूल भेजने में भी अभिभावकों को डर लगता था पर अब विद्यालय भवन के बनने के बाद अब उनके बच्चे किसी डर के स्कूल जाएंगे तथा अच्छे से अपनी पढ़ाई को करेंगे। पर संवेदक के द्वारा विद्यालय के मरम्मती कार्य में घोर लापरवाही बरती जा रही है। संवेदक के द्वारा मिट्टी युक्त बालू का प्रयोग किया जा रहा है जबकि छत ढलाई में भी जो चिप्स लगाया जा रहा है उसमें चिप्स कम तथा डस्ट ज्यादा है। स्थानीय लोगों ने इस बात की शिकायत संवेदक से की पर संवेदक के द्वारा बातों को नजरअंदाज करते हुए जैसे तैसे कार्य को किया जा रहा है। पुराने भवनों को फिर से ढलाई करने की है तथा संवेदक के द्वारा उन पुराने भवनों में ढलाई भी की जा रही है पर ढलाई इतना घटिया व कमजोर है की हाथों की उंगलियों से ही ढलाई कबड़ जा रहा है। संवेदक के द्वारा टूटे हुए छज्जे तथा लेटर को बगैर उसके प्लास्टर को झाड़े हुए उसी के ऊपर प्लास्टर कर दिया जा रहा है। छत ढलाई में बगैर लिक्विड दिए ढलाई की जा रही है जिससे हो रहे कार्यों की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगता है। इस संबंध में इचाक पूर्वी से जिला परिषद उम्मीदवार रहे संतोष यादव ने कहा की संवेदक के द्वारा विद्यालय के कार्य में घोर लापरवाही बरती जा रही है तथा संवेदक से शिकायत करने के बाद भी बातों को अनसुना कर काम को जैसे तैसे किया जा रहा है। उन्होंने कहा की अगर संवेदक के द्वारा कोई सुधार नहीं लाया जाता है तो इस पूरे मामले की शिकायत भवन प्रमंडल विभाग एवं जिले के उच्च अधिकारियों से की जाएगी। संतोष यादव ने कहा कि संवेदक के द्वारा मिट्टी युक्त बालू तथा चिप्स में डस्त का प्रयोग कर विद्यालय के छतो की ढलाई की जा रही है। ऐसे में ढाले गए छत कितना मजबूत होंगे यह समझ सकते हैं। काम कर रहे मजदूरों से जब इस बात की पूछताछ की गई कि आखिर बगैर लिक्विड डाले छत की ढलाई क्यों कर दिया तो उन्होंने कहा कि ठेकेदार जो देगा वही न करेंगे। बालू तथा चिप्स के बारे में काम कर रहे मिस्त्री एवं मजदूरों ने कहा की ठेकेदार को बोलने के बाद भी कहा जाता है की जो दिया है उसी से काम करना है। स्थानीय लोगों ने इस बात का पुरजोर विरोध किया तथा कहा कि संवेदक अच्छे से काम करें तथा जो सरकार के द्वारा एस्टीमेट दिया गया है उसके अनुरूप कार्य करें। अब देखना होगा कि संवेदक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता हैं या फिर काम को गुणवत्तापूर्ण पूरा करता है।
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