पटना। पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में 10 मई को की गई गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुये सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज को सामवार को अंतिम विदायी दी गयी। तमाम सरकारी रस्म और गार्ड ऑफ ऑनर की आदायगी के बाद बलिदानी को नम आंखो से विदा किया गया। इससे पहले जनाजे की नमाज अता की गयी। इस मौके पर ग्रामीणों ने वीर शहीद मोहम्मद इम्तियाज अमर रहे, हिन्दुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे लगाये।
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सारण जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के जलालबसंत पंचायत के नारायणपुर गांव में शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही ग्रामाणों का सैलाब उमड़ पड़ा। पटना से गड़खा पार्थिव शरीर के आने के क्रम में सैकड़ों जगह पर लोगों ने श्रद्धांजलि दी। शहीद के पार्थिव शरीर के गांव नारायणपुर तक जाने के क्रम में करीब दो किलोमीटर तक सड़क के दोनों तरफ हजारों की संख्या में भीड़ उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। लोगों के हाथों में तिरंगा लहरा रहा था। लोग लगातार ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद, भारत माता की जय’ के नारे भी लगा रहे थे।
इससे पहले शहीद के पार्थिव शरीर को पटना लाया गया। एयरपोर्ट पर शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। श्रद्धांजलि देने वालों में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कई अन्य नेता शामिल रहे। सभी ने शहीद को पुष्प अर्पित कर नमन किया और शहीद के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।
शहीद के बेटे इमरान रजा ने कहा “मेरे पिता बहुत मजबूत इंसान थे और मुझे उन पर बहुत गर्व है। 10 मई को सुबह 5:30 बजे उनसे बात की थी। ड्रोन हमले में उनके दाहिने पैर में चोट लग गई थी। यह आखिरी बार था जब मैंने उनसे बात की थी। सरकार को पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाना चाहिए और ऐसा मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए कि कोई बेटा अपने पिता से दूर न रह सके”।
शहीद के बेटे का अपने पिता के शहादत का दर्द इतना गहरा है कि ना रूकने वाली उसकी सिसकियों ने वहां उपस्थित सभी कीे आंखे नम कर दी। शहीद के बेटे ने कहा कि अब पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाओ कि किसी और के अब्बा का जनाजा न निकले। उसने कहा कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है।