अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या को विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। इसके तहत अयोध्या में 62 नई परियोजनाएं जल्द ही मूर्त रूप लेंगी। इन परियोजनाओं में रामपथ और धर्मपथ पर मिस्टिंग फैन, फटिक शिला के पास पार्किंग सुविधा और राम की पैड़ी के पास देश की समृद्ध संस्कृति को दर्शाने वाली वाल पेंटिंग जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं का कुल बजट 135 करोड़ रुपये है। डीपीआर शासन को भेज दी गई है। अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद ने इस महत्वाकांक्षी योजना को तैयार किया है, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए रामपथ और धर्मपथ पर 500 से अधिक मिस्टिंग फैन लगाने की योजना है। ये फैन गर्मी के मौसम में राहगीरों को राहत प्रदान करेंगे और शहर की सौंदर्यता को भी बढ़ाएंगे। मिस्टिंग फैन न केवल पर्यावरण के अनुकूल होंगे, बल्कि ऊर्जा की खपत को भी कम करेंगे। इस सुविधा से अयोध्या में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को गर्मी से निजात मिलेगी और उनकी यात्रा अधिक सुखद होगी।
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फटिक शिला के पास पार्किंग सुविधा
भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। बढ़ती भीड़ और वाहनों की संख्या को देखते हुए फटिक शिला के पास नई पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी। यह पार्किंग श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए वाहन खड़ी करने की समस्या को हल करेगी। इससे न केवल यातायात व्यवस्था सुचारु होगी, बल्कि तीर्थयात्रियों को मंदिर दर्शन के लिए सुगमता भी मिलेगी। इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद ने ठोस रणनीति तैयार की है।
राम की पैड़ी पर सांस्कृतिक वॉल पेंटिंग
राम की पैड़ी और आकर्षक बनाने के लिए वहां देश की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाने वाली वॉल पेंटिंग बनाई जाएगी। ये पेंटिंग कैनाल के निकट की दीवारों पर बनाई जाएंगी। यह न केवल अयोध्या की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को उजागर करेंगी, बल्कि पर्यटकों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का भी माध्यम बनेंगी।
तीर्थ स्थलों को विकसित करने का है लक्ष्य: सीईओ
अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद के सीईओ संतोष शर्मा ने बताया कि इन सभी परियोजनाओं को अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद ने डिजाइन और प्रस्तुत किया है। अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इन योजनाओं की प्रगति पर नजर रख रहे हैं। अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद का लक्ष्य रामनगरी को ऐसे तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करना है, जो आधुनिक सुविधाओं से युक्त हो और साथ ही इसकी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित रखे। डीपीआर को शासन द्वारा मंजूरी मिलने के बाद इन परियोजनाओं पर तेजी से काम शुरू कर दिया जाएगा।