पूर्वी चंपारण। जिला मुख्यालय मोतिहारी शहर निवासी प्रसिद्ध साहित्यकार प्रसाद रत्नेश्वर लिखित चार पुस्तको का दिल्ली स्थित कन्स्टिट्यूशन क्लब में लोकार्पण किया गया।
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साहित्यिक उपलब्धियों के इस उत्सव का आयोजन दिल्ली में प्रवासी बिहारियों की एक प्रमुख सांस्कृतिक- साहित्यिक संस्था बिहार महोत्सव समिति के बैनर तले आयोजित किया गया।
प्रसाद रत्नेश्वर पुस्तक लोकार्पण समारोह के इस भव्य आयोजन में पहुंचे अतिथियो ने प्रसाद रत्नेश्वर की सद्य: प्रकाशित चार पुस्तक बेचिरागी ( हिन्दी कविता – संग्रह ), लड़कियों के कपड़े ( हिन्दी ग़ज़ल- संग्रह ), निलही कोठी ( पाँच मंचीय नाटकों का संग्रह ) एवं थारु : विश्व की एक नई सभ्यता ( शोध – पत्र – संग्रह ) का लोकार्पण किया। समारोह में पहुंचे संजय मयूख, सदस्य, बिहार विधान परिषद, पटना,डॉ. निवेदिता झा, प्रसिद्ध कवयित्री व लेखिका, महेंद्र प्रसाद सिंह, वरिष्ठ नाट्यकर्मी, नीरज कुमार, सहायक आयुक्त,एमसीडी, दिल्ली, तनवीर हसन,फिल्मकार ने संयुक्त रूप से पुस्तकों का विमोचन किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में संजय मयूख ने कहा कि प्रसाद रत्नेश्वर जी का साहित्य विश्व साहित्य की धरोहर है। उनकी पुस्तकें अनमोल है जो भारतीय संस्कृति और चिंतन- धारा का प्रतिनिधित्व करती हैं। डॉ. निवेदिता झा ने कहा कि दिल्ली के साहित्यिक मंच पर एक ऐसा ऐतिहासिक लम्हा है जो सुनहला और अविस्मरणीय है।
महेंद्र प्रसाद सिंह ने प्रसाद रत्नेश्वर के मंचीय नाटकों की सराहना करते हुए कहा कि वे दिल्ली में इसका मंचन करेंगे। सहायक आयुक्त नीरज कुमार ने इसे प्रसाद रत्नेश्वर के लेखकीय जीवन की एक बड़ी साहित्यिक उपलब्धि बताया। तनवीर हसन ने कहा कि लेखक की उम्र के चौथेपन में एक साथ चार पुस्तकों का लोकार्पण एक प्रेरित करने वाली साहित्यिक घटना है। बिहार सेंट्रल के एमडी सुधाकर शरण ने मोतिहारी को रत्नगर्भा बताते हुए कहा कि रत्नेश्वर इसी की उपज हैं जो साहित्य की दुनिया में चम्पारण और बिहार का नाम आलोकित कर रहे हैं।
मौके पर हिन्दी साहित्य में पाँच अनमोल पुस्तकों का योगदान करने के उपलक्ष्य में प्रसाद रत्नेश्वर को ‘ सहित्य श्री सम्मान से भी विभूषित किया गया। सम्मान स्वरूप प्रतीक-चिह्न, अंगवस्त्रम एवं सम्मानजनक धनराशि भेंट कर सम्मानित किया गया।
अतिथियों का स्वागत संस्थाध्यक्ष मोहन कुमार गुप्ता, संयोजक ई. राकेश कुमार, जन सम्पर्क अधिकारी राकेश कुमार वर्मा एवं उनकी टीम ने किया वहीं साहित्यिक – सत्र की अध्यक्षता साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार अजित आजाद ने किया तो मंच का संचालन साहित्यानुरागी सुधाकर शरण ने किया। आरम्भ में मोनी झा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।
अपनी रचनात्मक उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाने वालों में दिल्ली में रहने वाले प्रवासी बिहारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
उपस्थित लोगों में अनुसूचित जनजाति आयोग, नई दिल्ली के सदस्य गौरव मिश्रा, टेलीविजन इंडिया के डायरेक्टर सुहैल खान, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता नीरज कुमार एवं सौरव कुमार , लेट्स इंस्पायर दिल्ली के मुख्य समन्वयक इंद्रमोहन यादव, बिहारी वेलफ़ेयर सोसायटी की चेयरपर्सन संजय भाई बिहार महोत्सव समिति के सह संयोजक दीपक मिश्रा तथा राममनोहर भूषण के नाम उल्लेखनीय हैं।