पटना। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ दो मतदाता पहचान पत्र के मामले में पटना के दीघा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई गई है। यह शिकायत पटना के अधिवक्ता राजीव रंजन ने दर्ज करवाई है। हालांकि, दीघा पुलिस थाने से मिली सूचना के मुताबिक शिकायत पर अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
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पटना के दीघा थाना अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि अधिवक्ता राजीव रंजन द्वारा शिकायत मिली है। पुलिस फिलहाल मामले की छानबीन कर रही है। उन्होंने कहा कि पटना के आरके नगर निवासी वकील राजीव रंजन ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव-2025 के लिए मतदाता सूची बनाई जा रही है। जिसका पहला ड्राफ्ट बीते 01 अगस्त को जारी किया गया। इसमें तेजस्वी प्रसाद यादव के द्वारा दो मतदाता पहचान पत्र बनवाए गए हैं। दोनों एक ही विधानसभा क्षेत्र के हैं।
इससे पहले रविवार को चुनाव आयोग (ईसी) ने तेजस्वी यादव को पहले ही एक नोटिस भेज दिया है, जिसमें कहा गया है कि शनिवार को आपके (तेजस्वी यादव) द्वारा पत्रकार वार्ता में जो मतदाता पहचान पत्र दिखाते हुए दावा किया गया था कि आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, वह पहचान पत्र आधिकारिक तौर पर जारी ही नहीं किया गया था। आयोग ने तेजस्वी यादव के दावे का खंडन किया और कहा कि वह (तेजस्वी) वास्तव में पटना के बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में मतदान केंद्र संख्या 204 के क्रमांक 416 पर सूचीबद्ध थे। आयोग ने मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) संख्या भी दी है, जो RAB0456228 है।
दरअसल, शनिवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने अपने फोन को एक बड़ी स्क्रीन से जोड़ा और अपने ईपीआईसी नंबर के लिए ऑनलाइन खोज का प्रदर्शन किया, जिसमें ‘कोई रिकॉर्ड नहीं मिला’ दिखा। यह ईपीआईसी संख्या- RAB2916120, उस संख्या से अलग थी, जिसे चुनाव आयोग ने साझा किया था और जिसके बारे में कहा गया था कि वह 2015 और 2020 के चुनावों में भी उनके लिए मान्य थी।
इसी को आधार मानते हुए अधिवक्ता राजीव रंजन ने पुलिस को दिए अपनी शिकायत में कहा है कि तेजस्वी के पास दो ईपीआईसी थे, जो एक आपराधिक अपराध है। तेजस्वी यादव से चुनाव आयोग ने भी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझा किए गए ईपीआईसी का विवरण जांच के लिए सौंपने को कहा है।