पूर्वी चंपारण। उत्तर प्रदेश पुलिस ने 101 करोड़ के एक बड़े टेरर फंडिंग नेटवर्क का खुलासा करते हुए बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन निवासी पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। जिसमे गोलू कुमार और उसके पिता भूषण चौधरी शामिल है।
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिला पुलिस के अनुसार, इन दोनों ने अपने बैंक खातों और क्रिप्टो वॉलेट्स के द्धारा 101 करोड़ 34 लाख से अधिक की रकम नेपाल और पाकिस्तान समेत कई देशों में भेजी है। सभी रकम को साइबर ठगी से जमा कर फिर क्रिप्टोकरेंसी के जरिए अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क को फंडिग करने में किया गया है।
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पुलिस के अनुसार यह गिरोह डिजिटल जनसेवा केंद्र की आड़ में धोखाधड़ी की पूरी घटना को अंजाम दे रहा था। आरोपी गोलू कुमार ने पूछताछ के दौरान बताया है,कि वह पूर्वी चम्पारण में साइबर कैफे चलाता था,जहां आने वाले लोगो के आधार कार्ड सहित अन्य जानकारी लेकर उसका उपयोग बैंक खातों में करता था। जांच यह सामने आया है,कि सर्वाधिक लेनदेन गोलू के खाते से की गई है,इसके साथ ही नेपाल के एक व भारत के पांच अन्य खातो से भी लेनदेन किया गया है।
पूछताछ में घोड़ासहन का गोलू ने बताया कि उसने नेपाल के कुछ लोगों से बाइनेंस पर क्रिप्टो अकाउंट बनाना सिखा। जिसके माध्यम से साइबर ठगी के जरिए अर्जित रुपये को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर बाइनेंस के माध्यम से विदेश भेजना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने अपने पिता भूषण चौधरी के नाम से भी आईडी बनाकर इस नेटवर्क का विस्तार किया। यह गिरोइ चाइनीज लोनिंग ऐप्स के माध्यम से साइबर ठगी से अर्जित करोड़ों रुपयो को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर पाकिस्तान सहित अन्य देशों को ट्रांसफर कर रहा था।
बलरामपुर एसपी विकास कुमार के अनुसार इस पूरे नेटवर्क का सरगना बिहार के नवादा निवासी एक सस्पियर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसके बाद जांच एजेंसियों ने इनके अन्य सहयोगियों की तलाश कर रही थी। जांच के दौरान भूषण और गोलू के यूपीआई लेन-देन, डिजिटल ट्रांजैक्शन, और बाइनेंस वॉलेट्स की गतिविधियों पर शक हुआ, जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी हुई।
पुलिस ने इनके पास से 5 मोबाइल फोन,1 लैपटॉप, 7 आधार कार्ड और बड़ी मात्रा नेपाली मुद्रा व अन्य सामान बरामद किया है।फिलहाल भूषण और गोलू से पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही एटीएस, एनआईए सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां इनके अंतरराष्ट्रीय सबंधो की जांच कर रही हैं। ऐसी संभावना जतायी जा रही है,कि इनके तार अफगानिस्तान और मिडिल ईस्ट के कुछ आतंकी संगठनों से भी जुड़े हो सकते हैं। जिसको लेकर इंटरपोल और एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) को भी सूचित किया गया है।