लखनऊ। भारत रत्न, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर प्रदेश भर में 31 अक्टूबर को रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया जाएगा। सरकार और भारतीय जनता पार्टी मिलकर इसे भव्य-दिव्य बनाएगी। वहीं 31 अक्टूबर से 26 नवंबर के बीच सरदार @150 यूनिटी मार्च आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेसवार्ता में पत्रकारों को दी।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि यूनिटी मार्च का हिस्सा प्रदेश के हर जनपद के खिलाड़ी, कलाकार समेत पांच-पांच युवा बनेंगे। ये सभी युवा लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म भूमि से लेकर केवड़िया गुजरात तक की 150 किलोमीटर की यात्रा से जुड़ेंगे। इन सभी को चार प्रमुख केंद्र होते हुए सरदार साहब की पावन जन्मभूमि तक बस द्वारा पहुंचाया जाएगा। इसके बाद यहां से सभी 150 किलोमीटर की पद यात्रा में शामिल होंगे। इस राष्ट्रीय पद यात्रा में सरदार साहब की जन्मभूमि करमसद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी केवड़िया तक की यात्रा गुजरात में आयोजित होगी। यह राष्ट्रीय पद यात्रा होगी, जिसमें हजारों युवा अभियान का हिस्सा बनेंगे। सभी युवा जन जागरण अभियान के विभिन्न कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएंगे।
स्थानीय स्तर पर आयोजित किये जाएंगे विभिन्न कार्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश की हर लोकसभा क्षेत्र में तीन दिवसीय 8 से 10 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली जाएगी, जो सभी विधानसभा से होकर गुजरेगी। पद यात्रा से पहले स्थानीय स्तर पर आम जनमानस में जागरूकता पैदा करने के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे। इसमें भारत की एकता और अखंडता में सरदार साहब के योगदान पर निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता, सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन पर आधारित संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक आदि होंगे। इसके अलावा युवाओं के लिए नशा मुक्त भारत शपथ ग्रहण कार्यक्रम, विभिन्न क्षेत्रों में वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल अभियान का आयोजन होगा। योग और स्वास्थ्य से संबंधित शिविर भी लगेगा। पूरे प्रदेश में विशेष स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा। इसके अलावा पद यात्रा के दौरान स्थानीय कमेटियों, विभिन्न समाजसेवी संगठनों, सांस्कृतिक संगठनों द्वारा सरदार साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण-श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
सरदार पटेल के सामने नहीं चली जूनागढ़ के नवाब और हैदराबाद के नजाम की
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि देश के अंदर सैकड़ों रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा बनाने और फिर भारत के वर्तमान स्वरूप को उन्होंने उस समय जिस दूरदर्शिता और सूझ-बूझ के साथ लागू किया था, आज वह भारत हम सबको देखने को मिलता है। हर व्यक्ति जानता है कि उस समय कुछ रियासतें ऐसी भी थीं, जिसमें (जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम) आदि मनमानापन करना चाहते थे, लेकिन लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के सामने उनकी एक न चली। अंततः लौह पुरुष के दृढ़ निश्चय के सामने उन्हें भारत छोड़ना पड़ा। ये दोनों रियासतें भी भारत का हिस्सा बनीं। इस दाैरान उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चाैधरी, प्रदेश महामंत्री संजय राय, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री सुरेश खन्ना उपस्थित रहें।