गोपालगंज। लोकतंत्र के महापर्व में हर उम्र, हर वर्ग के लोगों ने अपनी हिस्सेदारी निभाई। इस जश्न में एक प्रेरणादायक मिसाल बने 95 वर्षीय नवाबी यादव, जिन्होंने उम्र और बीमारी दोनों को मात देकर मतदान का फर्ज अदा किया।
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गुरुवार की सुबह बरौली विधानसभा क्षेत्र के भैसही गांव निवासी नवाबी यादव ने अपने घर वालों से एक ही जिद की,आज वोट जरूर डालना है।
सेहत अब उनका साथ नहीं देती, चलने में तकलीफ होती है, पर लोकतंत्र के प्रति जुनून ऐसा कि उन्होंने परिवार से कहा कि पुरखों ने जो आजादी हमें दी, उसका हक मैं अदा कर आऊं। उनकी यह दृढ़ इच्छा देखकर परिवार वाले भी भावुक हो उठे।
अंततः उनके नाती रमेश यादव ने उन्हें गोदी में उठाकर मतदान केन्द्र संख्या 42 तक पहुंचाया। सुबह करीब 10 बजे नवाबी यादव ने बूथ पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान कर लौटते वक्त उनके चेहरे पर संतोष और गर्व झलक रहा था।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के हुकूमत को अपनी आंखों से देखा है। आजादी पाने के लिए कितनों ने खून बहाया। तबसे सोच लिया था, जब तक सांस चलेगी, वोट डालकर लोकतंत्र को मजबूत करूंगा।
नवाबी यादव ने बताया कि वे हर चुनाव में मतदान करते रहे हैं। इस बार भी मन में यही उमंग थी, कि चाहे जैसी भी तबीयत हो, देश के भविष्य के लिए एक बार फिर उंगली पर स्याही का निशान लगवाना है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे आजादी के समय बैल और हल के चुनाव चिह्न वाले बैलेट पेपर पर पहली बार मोहर लगा चुके हैं।
हि सं से बातचीत में उन्होंने कहा कि आजाद हिंदुस्तान में वोट सबसे बड़ा हथियार है। इसे संभालकर रखना और सही जगह इस्तेमाल करना हर नागरिक का फर्ज है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस अधिकार की ताकत को कभी कमजोर न होने दें।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि सुबह से ही दादाजी बार-बार मतदान की बात कर रहे थे। डॉक्टरों ने आराम करने को कहा था, लेकिन वे बोले कि आराम बाद में, पहले देश का काम। जब परिवार वालों ने उन्हें गोदी में उठाकर मतदान केन्द्र पहुंचाया तो वहां मौजूद लोगों ने देखकर तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।
नवाबी यादव का यह जज्बा लोकतंत्र की सच्ची तस्वीर पेश करता है कि जब तक देश के नागरिक में जिम्मेदारी का भाव और भागीदारी की इच्छा जीवित है, तब तक लोकतंत्र की जड़ें मजबूत रहेंगी।



