नई दिल्ली/जिनेवा। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् (यूएनएचआरसी) में जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के बारे में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान का हवाला दिया है।
यूएनएचआरसी की बैठक में पाकिस्तान की ओर से पेश किये जाने वाले एक दस्तावेज के पहले पन्ने पर राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला के बयान को प्रकाशित किया गया है। लीक हुए दस्तावेज को पाकिस्तान की मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है।
दस्तावेज के कवर पेज पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर से तुलना करते हुए उन्हें ‘एशिया का मौन हिटलर’ बताया गया है। उनके चित्र के साथ नाज़ी जर्मनी का चिन्ह स्वास्तिक भी दिखाया गया है। दस्तावेज का शीर्षक है- कश्मीर का समर्थन, मानवता का समर्थन।
दस्तावेज में जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन और ज्यादतियां करने के शीर्षक से राहुल गांधी के इस बयान को छापा गया है कि “जम्मू कश्मीर के लोगों को स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों से वंचित किए जाने को अब 20 दिन हो चुके हैं। विपक्ष के नेताओं और प्रेस ने जब श्रीनगर की यात्रा करने की कोशिश की तो उन्हें प्रशासन की अमानवीयता और राज्य की जनता पर हो रहे ताकत के नग्न प्रयोग का स्वयं अनुभव हुआ।”
उमर अब्दुल्ला को उद्धृत करते हुए लिखा गया है, “भारत सरकार के एकतरफा और दहलाने वाले फैसले के बहुत दूरगामी और खतरनाक नतीजे होंगे। यह कश्मीरी लोगों पर आक्रमण है। यह फैसला एकतरफा, गैर-कानूनी और गैर-संवैधानिक है। एक लंबा और कठिन संघर्ष होगा। हम इसके लिए तैयार हैं।”
दस्तावेज में कहा गया है कि पाकिस्तान की ओर समर्थन दिए जाने से कश्मीरी लोगों का हौसला बढ़ा है।