एमपी। मध्य प्रदेश के अशोक नगर से एक विडिओ वायरल हुआ है जहां पर एक महिला ने एसडीएम के साथ अभद्रता की. इतना ही नहीं महिला ने भीड़ के सामने एसडीएम को चप्पल से मारने की कोशिश की और सबके सामने भद्दी-भद्दी गालियां दी. महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है.
दरअसल यह मामला अशोक नगर के चंदेरी का है. जहां पर एसडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह पुलिस बल के साथ चेकिंग कर रहे थे. उसी दौरान एक शख्स स्कूटी पर जा रहा था और वह कोरोना के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया। पुलिस ने जैसे ही उसे रोका शख्स ने बदसलूकी शुरू कर दी. मौके पर मौजूद एसडीएम ने उसे समझाया कि वो संयम से काम ले. लेकिन वो बदतमीजी करता रहा. पुलिस ने अंत में शख्स का चालान कर दिया.
इसके बाद जब युवक अपने घर पहुंचा तो उसकी स्कूटी की लाइट टूटी देखकर पत्नी भड़क गई और पति ने उसे पूरी घटना बताई. इसपर गुस्से में महिला चेकिंग के स्थान पर पहुंच गई जहां पर उन्होंने जमकर हंगामा किया और ड्यूटी पर मौजूद एसडीएम को चप्पल से मारने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस सिपाही बीच में आ गया और जिससे चप्पल एसडीएम को नहीं लगी. लेकिन महिला ने अपना आपा खोते हुए सबके सामने एसडीएम को जमकर गालियां दी.
इसके बाद अचानक महिला एसडीएम के पीछे चप्पल लेकर दौड़ने लगी। स्थानीय लोगों ने महिला को काफी समझाया इसके बाद पति-पत्नी घर चले गए. पुलिस ने फौरन ही इस मामले में एफआईआर दर्ज की और महिला और उसके पति को हिरासत में लिया.
महिला का आरोप है कि एसडीएम और पुलिसकर्मियों ने मेरे पति को पैर में डंडा मारा और स्कूटी तोड़ दी. मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
वहीं इस मामले पर एसडीएम का कहना है कि कलेक्टर के निर्देश पर जांच की जा रही थी. शख्स बाजार में घूम रहा था, उससे पूछताछ करने को रोका गया तो उसने अपनी गाड़ी को मुझ पर चढ़ाने का प्रयास किया। स्टाफ द्वारा उसे समझाया भी गया लेकिन शख्स लगातार अभद्रता करता रहा। जिसके बाद हमने उसका चालान बनाकर जाने दिया। लेकिन उसकी पत्नी ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया।
उसके बाद एक आवेदन तहसील कर्मचारी द्वारा पुलिस को दिया गया पुलिस ने एफआईआर कर दोनों पति पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है. चंदेरी में उक्त महिला एवं उसके पति पर 353, 294, 323, 504, 188, 270, 332, 186 एवं 34 आईपीसी, 51(1) आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं 71(1) मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ अधिनियम 1994 की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया.