यूपी। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में ठगी का अनोखा ममला सामना आया है. साधु के भेष में एक युवक ने पहले खुद को खोया बेटा बताया फिर पैसा दोगुना करने के नाम पर ठगी कर दी. दरअसल गोंडा का रहने वाला राशिद जोगी, चुनार के सहसपुरा गांव में साधु के भेष में पहुंचा, जहां पर उसने खुद को बुधिराम विश्वकर्मा का खोया हुआ बेटा अन्नू बताया. अन्नू घर से अप्रैल 2011 में खो गया था.
जोगी के वेश में सारंगी बजाते हुए घर पहुंचे राशिद ने घर वालों को उनका खोया बेटा होने का शपथ-पत्र दिखाया और बताया कि वह मठ से तभी आजाद हो कर घर आ सकता है, जब मठ पर भंडारा हो जायेगा. उसने सामान की लिस्ट दी, जिसमें 986 धोती, 986 लंगोट, पांच टीन-घी और तेल और 21 हजार रुपये की दक्षिणा लिखी थी.
बेटे की वापसी की खुशी में बुधिराम ने मुगलसराय जाकर सामान के बदले 1 लाख 46 हजार रुपये का भुगतान उसके (राशिक) साथी को कर दिया. पुत्र मोह में फंसे बुधराम पैसे का भुगतान कर उसे घर लाए. इसके बाद राशिद ने भूत प्रेत भगाने व धन की वृद्धि करने के नाम घर के सारे गहने एक बॉक्स में बंद कराकर 11 दिनों का पूजा प्रारम्भ की.
यही पूजा बुधिराम के ससुराल वाराणसी और गांव के ही एक अन्य व्यक्ति महारथी सिंह के यहां भी शुरु हुई. बक्से में कपड़े की पोटली में गहने रख कर ग्यारह दिन बाद खोलने पर धन दोगुना होने की बात कहकर राशिद चला गया.
शक होने पर जब लोगों ने बक्से और स्टील के डब्बे को खोला तो उसमें से ईंट-पत्थर निकले. इसके बाद ग़ांव के लोगों ने जोगी के भेष में इस (राशिद) ठग को पकड़ा और सख्ती से पूछताछ की तो उसने ठगी स्वीकार किया और खुद का असली नाम राशिद बताया.
पुलिस ने नकली जोगी बन कर ठगी कर रहे राशिद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उसके पास से पुलिस ने गायब हुआ सोने के आभूषण और निशादेही पर 70 हजार रुपया भी बरामद किया.