क्या कहा रिजर्व बैंक ने?
रिजर्व बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा है, ‘एटीएम के डाउनटाइम की समीक्षा में यह पाया गया कि कैश एटीएम में कैश की उपलब्धता न होने से आम जनता को काफी असुविधा होती है. इसलिए यह तय किया गया कि बैंक/व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर एटीएम में कैश उपलब्धता की निगरानी के अपने सिस्टम को मजबूत करें और यह सुनिश्चित करें कि उनमें समय से कैश भरा जा सके. इस नियम का अनुपालन न करने को गंभीरता से लिया जाएगा और पेनाल्टी लगाया जा सकता है.’
कितना और कब लगेगा जुर्माना
रिजर्व बैंक ने कहा कि इस तरह की गलती के लिए एकमुश्त 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. व्हाइट लेबल एटीएम यानी प्राइवेट एटीएम के मामले में भी पेनाल्टी उस बैंक पर ही लगाया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी किसी एटीएम में कैश भरने की होती है. हालांकि बैंक चाहे तो अपने हिसाब से यह पेनाल्टी व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर से वसूल सकता है.
रिजर्व बैंक ने कहा कि यह नया सिस्टम 1 अक्टूबर 2021 से लागू किया जा रहा है. बैंकों को समय इसलिए दिया जा रहा है ताकि वे इस बीच कैश की निगरानी और फिलिंग की व्यवस्था को मजबूत कर लें.








