Follow our Facebook Page 👉
Follow Us
Follow us on X (Twitter) 👉
Follow Us
Follow our Instagram 👉
Follow Us
Subscribe to our YouTube Channel 👉
Subscribe Now
Join our WhatsApp Group 👉
Join Now
Follow us on Google News 👉
Follow Now
बीजिंग। चीन ने कहा कि वह अफगानिस्तान में हालात पर चर्चा के लिए मध्य एवं दक्षिण एशियाई देशों के नेताओं की एक ऑनलाइन बैठक का आयोजन करेगा। चीन और रूस के वर्चस्व वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों की बैठक बृहस्पतिवार को निर्धारित है।
अफगानिस्तान समूह का पर्यवेक्षक सदस्य है लेकिन यह साफ नहीं है कि तालिबान नेतृत्व का कोई प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होगा या नहीं। चीन ने यह नहीं कहा है कि क्या वह उन नए अफगान अधिकारियों को मान्यता देगा, जिन्होंने बाहरी पार्टियों और महिलाओं को बाहर रखा है, हालांकि उसने उनके नेतृत्व को स्वीकार किया है और अपने काबुल दूतावास को खुला रखा है।
सरकार और यहां के सरकारी मीडिया ने अमेरिका पर अपने सैनिकों की जल्दबाजी में और अराजक वापसी कर अफगानिस्तान को अस्थिर करने का आरोप लगाया है जबकि तालिबान हाल के हफ्तों में अफगान सरकारी बलों पर तेजी से काबू पाने में कामयाब रहा है।
चीन ने राजनीतिक वार्ता और संयुक्त सैन्य अभ्यास के माध्यम से मध्य एशिया में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए शंघाई सहयोग संगठन का उपयोग किया है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर इस क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को कम करना है।
बीजिंग ने तालिबान से, शिनजियांग के पारंपरिक रूप से मुस्लिम बहुल उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के लिए स्वतंत्रता की मांग करने वाले आतंकवादियों को रोकने के अपने संकल्प पर कायम रहने का भी आह्वान किया है। विदेश मंत्री वांग यी ने चीन निर्मित कोविड-19 टीकों की 30 लाख खुराक के साथ-साथ मानवीय सहायता के तहत 3.1 करोड़ डॉलर की पेशकश करते हुए तालिबान से सीमाओं को खुला रखने का आग्रह किया है।