चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने स्वीकार नहीं किया है और प्रदेश के नेताओं से आपस में मामला सुलझाने को कहा है. साथ ही काँग्रेस ने कल यानि बुधवार को मीटिंग बुलाई है जिसमें इन मसलों को सुलजाने पर बात की जाएगी।
बता दें कि पंजाब की कैबिनेट मंत्री रज़िया सुलताना ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के त्यागपत्र के समर्थन में दिया है।
रज़िया सुलताना के पति, पंजाब के पूर्व डीजीपी और नवजोत सिद्धू के सलाहकार मुहम्मद मुस्तफा ने ट्वीट करके इसकी पुष्टि की है। पत्रकारों से बातचीत में रज़िया सुलताना ने कहा कि सिद्धू किसी अपने स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि पंजाब के हितों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पटियाला में नवजोत सिंह सिद्धू के निवास पर नेताओं का जमघट लगना शुरू हो गया है। स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट की आपात बैठक बुला ली है।
रज़िया सुल्ताना का त्यागपत्र उन्हें विभाग आवंटित जाने के कुछ समय बाद ही आया है। चर्चा है कि उन्हें बढ़िया विभाग नहीं दिया गया। पहले उनके पास परिवहन विभाग था, अब उन्हें कम महत्व का महिला एवं बाल विकास विभाग दिया गया है। अपने इस्तीफ़े में उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस के लिए कार्य करती रहेगी। उल्लेखनीय है कि नवजोत सिद्धू के त्याग पत्र देने के बाद पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष चाहल ने भी त्यागपत्र दे दिया है। कुछ और पदाधिकारियों और मंत्रियों के इस्तीफे दिए जाने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।
वहीं, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से नवजोत सिद्धू द्वारा इस्तीफ़ा देने के बाद उनके करीबियों ने भी त्यागपत्र देना शुरू कर दिया है। पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गुलज़ार इन्द्र चहल ने भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पत्र में चहल ने दो पंक्तियों के पत्र में लिखा है कि वे तुरंत प्रभाव से अपने पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। जानकारी है कि शाम तक कुछ अन्य कांग्रेस पदाधिकारी भी अपने पद से इस्तीफे देने की सार्वजनिक घोषणा कर सकते है।