मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर मुंबई के पीएमएलए कोर्ट ने 14 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के आरोपित हीरा व्यापारी नीरव मोदी को गुरुवार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है। इसके साथ ही उसकी संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया है।
पीएनबी घोटाले के हलफनामे में जिन 23 आरोपितों के नाम हैं, उसमें से 21 लोग नीरव मोदी के सीधे संपर्क में थे। पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी को विशेष प्रतिबंधक कानून के प्रावधानों के अनुसार पीएमएलए कोर्ट ने बतौर वित्तीय अपराधी फरार घोषित किया है। नीरव मोदी की संपत्ति जब्त करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है। फॉरेन्सिक ऑडिट में पीएनबी में 14 हजार करोड़ रुपये का घालमेल होने की बात कही गई है। भारत से भागे नीरव मोदी को पीएनबी ने गैर-कानूनी तरीके से वित्तीय मदद दी थी।
पता चला है कि बेल्जियम की नामचीन कंपनी बीडीओ को ऑडिट का काम दिया गया था। कंपनी ने पांच रिपोर्ट पीएनबी को दी हैं। रिपोर्ट में गैर-कानूनी तरीके से दिए गए हलफनामे का उल्लेख है। पीएनबी ने 28 हजार करोड़ रुपये मूल्य का 1561 हलफनामा दिया था। उसमें से तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपये मूल्य के 1381 हलफनामे गैर-कानूनी तरीके से दिए गए थे। फाॅरेंसिक रिपोर्ट में 193 हलफनामों का दुरुपयोग करने का जिक्र है। इसमें नीरव मोदी की 20 संपत्तियों का उल्लेख है। बीडीओ कंपनी की रिपोर्ट में नीरव मोदी की 25 महंगी कार, एक जलपोत और 106 महंगी पेंटिंग्स का जिक्र है। इस पेंटिंग की कीमत 20 करोड़ रुपये आंकी गई है।
शराब कारोबारी विजय माल्या के बाद नीरव मोदी दूसरा कारोबारी है जिसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के पिछले साल अस्तित्व में आने के बाद इसके दायरे में लाया गया है।
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