नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना (Corona) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1.27 लाख मामले सामने आए हैं. इस भयावह स्थिति को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने कोरोना संक्रमितों के लिए क्वारंटीन (Quarantine) की अवधि (Duration) में कोई बदलाव नहीं किया है. डब्ल्यूएचओ का अब भी यही मानना है कि कोरोना संक्रमित हो जाने पर व्यक्ति को 14 दिनों का क्वारंटीन होना चाहिए. हालांकि अब कोरोना से संक्रमित अधिकांश लोग पांच से सात दिनों में ठीक हो जाते हैं लेकिन डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ने बताया कि अभी भी कोरोना संक्रमितों के लिए 14 दिनों का क्वारंटीन अनिवार्य है.
कोविड पर डब्ल्यूएचओ के इंसीडेंट् मैनेजमेंट सपोर्ट टीम (Incident Management support team) के प्रमुख अब्दी महमूद (Abdi Mahamud) ने बताया कि राज्य को अपने लोगों की स्थिति के आधार पर क्वांरटीन की अवधि के बारे में निर्णय लेना चाहिए.
कम संक्रमण वाले देश में क्वारंटीन लंबा हो
अब्दी महमूद ने कहा जिस देश में कम संक्रमण है वहां क्वांरटीन की अवधि लंबी होनी चाहिए. इससे संक्रमण की रफ्तार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. जहां पर संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है वहां पर कम अवधि का क्वारंटीन सही रहेगा. डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ने कोविड के लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा कि नए विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि कोई व्यक्ति एक ही समय में कोविड और इंफ्लूएंजा दोनों से संक्रमित हो सकता है. हालांकि दोनों वायरस की प्रकृति अलग-अलग तरह की है और दोनों अलग-अलग तरह से मानव शरीर में प्रवेश करते हैं.
128 देशों में ओमिक्रॉन के मामले
WHO के मुताबिक अब तक 128 देशों में ओमिक्रॉन मामले की पहचान हो चुकी है. अब्दी महमूद ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका जहां से ओमिक्रॉन की शुरुआत हुई थी, वहां पर अब तेजी से ओमिक्रॉन के मामले में कमी आ रही है. वहां कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या में भी भारी कमी आई है और अस्पताल पहुंचने की दर में भी गिरावट दर्ज की जा रही है. महमूद ने कहा, दक्षिण अफ्रीका में घटते मामलों के बाजूद अन्य देशों में स्थिति बेकाबू हो रही है. उन्होंने कहा कि कई अध्ययन इस बाते के संकेत हैं कि ओमिक्रॉन के कारण छाती के सिर्फ उपरी हिस्से प्रभावित होती है लेकिन हाई रिस्क और वैक्सीन नहीं लेने वालों पर ओमिक्रॉन की गंभीरता का जोखिम सबसे ज्यादा है.