कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। विश्व स्तर पर प्रदूषित शहरों को लेकर जारी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। इसमें पता चला है कि 2021 में कोलकाता भारत का दूसरा सबसे प्रदूषित महानगर और दुनिया का 60वां सबसे प्रदूषित शहर था।
वायु प्रदूषण पर हाल ही में जारी एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर का वार्षिक पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 स्तर पर था। यह सबसे जहरीला अल्ट्राफाइन पार्टिकुलेट है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सीमा से लगभग 12 गुना अधिक था। वायु गुणवत्ता पर काम करने वाले स्विस संगठन आईक्यूएयर ने 2021 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट दुनिया भर के 117 देशों के छह हजार 475 शहरों से पीएम 2.5 वायु गुणवत्ता के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है।
रिपोर्ट में दिखाए गए चार्ट से पता चलता है कि 2021 में कोलकाता का पीएम 2.5 का स्तर 59 माइक्रोग्राम था, जो 2020 के पीएम 2.5 के स्तर 46.6 माइक्रोग्राम से 26 प्रतिशत अधिक है। यह समग्र रूप से दिल्ली (96.4 माइक्रोग्राम) से कम लेकिन बाकी भारतीय महानगरों की तुलना में बहुत अधिक था।
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पीएम 2.5, अल्ट्राफाइन पार्टिकुलेट जो फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकता है, नियमित रूप से मापा जाने वाले छह वायु प्रदूषकों में से एक है और आमतौर पर मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे हानिकारक माना जाता है। डब्ल्यूएचओ ने पांच माइक्रोग्राम की वार्षिक सीमा निर्धारित की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय उपमहाद्वीप 2021 के दौरान दुनिया का सबसे प्रदूषित क्षेत्र था।