गुना : जिले के प्रसिद्ध हनुमान टेकरी मुख्य मंदिर में रात के समय कोई नहीं रुकता। ऐसी मान्यता है कि नाग देवता इस मंदिर की पहरेदारी करती है। ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायण अग्रवाल ने बताया कि जब यहां मढिया थी, तो उसके गेट से लगी हुई एक चमेली की बेल थी। उस बेल पर हमेशा नाग देवता रहते थे। कहा जाता है कि वह हर समय बालाजी सरकार की पहरेदारी किया करते थे। मंदिर का जीर्णोद्धार हो जाने के बाद भी पीछे के पेड़ पर अक्सर नाग देवता दिखाई देते हैं। आज भी वह हर समय मंदिर की पहरेदारी कर रहे हैं।
ऐसी किंवदती है कि रात के समय में यहां बैठक होती है। पास की पहाडिय़ों पर से देवता आते हैं और उनकी बैठकों का दौर चलता है। वहीं एक अन्य किंवदती यह भी है कि रात को राम टेकरी से यहां तक बारात आती है। कई प्रकार की रौशनी यहां दिखाई देती है। आस-पास के ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने कई बार ऐसी रौशनी वहां देखी है। यही वजह है कि रात में यहां कोई नहीं रुकता।
जिंद बाबा को चढ़ती है सिगरेट
टेकरी परिसर में पीछे की तरफ जिंद बाबा का सिद्ध स्थल है। यहां काफी लोग अपनी मन्नत मांगने पहुंचते हैं। मन्नत पूरी होने पर यहां झूला चढ़ाया जाता है। वहीं बाबा पर प्रसाद के रूप में सिगरेट चढ़ाई जाती है। वह सिगरेट अपने आप खत्म हो जाती है। ऐसे मान्यता है कि बाबा सिगरेट का ही भोग लगाते हैं। जलती हुई सिगरेट रखी जाती है तो वह अपने आप सुलगती रहती है।
चबूतरे से विशाल मंदिर का सफर
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायण अग्रवाल ने बताया कि पहले यहां केवल एक चबूतरा था। उसी पर बालाजी सरकार की प्रतिमा स्थापित थी। उसके बाद इसका जीर्णोद्धार हुआ और मढिया का निर्माण हुआ। वर्षों तक यह मढिया के रूप में ही रही। पिछले 15 वर्षों से फिर इसका जीर्णोद्धार हुआ और आज विशाल मंदिर बना दिया गया है। मंदिर परिसर में धर्मशाला, सत्संग भवन सहित अन्य सुविधाओं का निर्माण किया गया है। लगभग 25 करोड़ में इसका जीर्णोद्धार हुआ है।